IIM Indore MOU: पुलिस कमिश्नरेट और केडीए के साथ मिलकर IIM Indore बदलेगा कानपुर की सूरत
आइआइएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय का कहना था कि करार के तहत कार्यों को पूरा करने के लिए सभी विभागों से एक-एक समन्वयक रहेगा। ये सभी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य करेंगे। आइआइएम इंदौर सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि एक टीम लीडर के रूप में काम करेगा।
कानपुर, जेएनएन। गंदगी और बेतरतीब यातायात व्यवस्था से परेशान कानपुर को स्वच्छ और जाम मुक्त शहर बनाने के लिए शुक्रवार को कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड, पुलिस कमिश्नरेट और कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट (आइआइएम) इंदौर के साथ तीन वर्ष के लिए अनुबंध किया। मोतीझील में कानपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के कंट्रोल रूम में हुए कार्यक्रम में आइआइएम इंदौर के निदेशक हिमांशु राय ने कहा कि उन्होंने 100 दिन में इंदौर में गूगल सेटेलाइट से यातायात की समस्याओं को जानकर उन्हें हल कर दिया। कानपुर में भी फाइव-ई के जरिए सुधार किया जाएगा। इसमें इनफोर्समेंट, इंजीनियरिंग, इमरजेंसी, एजुकेशन और एनवायरमेंट का ध्यान रखते हुए योजना बनाई जाएगी। सही इंफ्रास्ट्रक्चर, सुरक्षा और क्वालिटी आफ लाइफ का भी ध्यान रखा जाएगा। क्वालिटी आफ लाइफ नहीं होगी तो लोग शहर छोड़ जाएंगे। शहर का विकास अलग-अलग काम करने से नहीं हो सकता, इसलिए सबने मिलकर एमओयू (करार) साइन किया है।
आइआइएम इंदौर टीम लीडर के रूप में करेगा काम: हिमांशु राय का कहना था कि करार के तहत कार्यों को पूरा करने के लिए सभी विभागों से एक-एक समन्वयक रहेगा। ये सभी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कार्य करेंगे। आइआइएम इंदौर सलाहकार के रूप में नहीं, बल्कि एक टीम लीडर के रूप में काम करेगा। अयोध्या में भी स्वच्छता को लेकर इनफार्मेशन, एजुकेशन और कम्युनिकेशन पर काम कर रहे हैं। वहां का काफी डाटा आ चुका है। वहां के लोगों के लिए गाना भी तैयार हो चुका है। कानपुर के लिए भी गाना तैयार होगा। कहा, हर जगह के लोग अलग-अलग ढंग से सोचते हैं। देखना है कि कानपुर में लोग कैसे सोचते हैं और उनके ऊपर गाने, पोस्टर या वीडियो किससे प्रभाव होगा। कूड़ा निस्तारण पर इंदौर में काफी काम किया है। घर से ही कूड़े को अलग-अलग रखें तो बहुत काम आ सकता है। उससे खाद और गैस बहुत कुछ बन सकता है। कूड़े से भी राजस्व जुटाया जा सकता है।
अध्ययन के बाद होंगे जरूरी बदलाव: हिमांशु राय ने कहा कि अगले कुछ माह में शहर की यातायात व्यवस्था का अध्ययन करेंगे। इसके बाद चौराहों पर जरूरत के मुताबिक बदलाव करेंगे। इमरजेंसी शोल्डर भी तैयार होगा। इसके तहत सड़क के किनारे थोड़ा ऊंचा फुटपाथ जैसा रास्ता बनाया जाता है, जिस पर एंबुलेंस के अलावा कोई वाहन नहीं चलेगा। सड़क पर कितना भी जाम हो, मरीज को इस रास्ते से तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा विजन दिखाना है, जिससे कानपुर वाले साथ आएं। कार्यक्रम का संचालन नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन ने किया। पुलिस आयुक्त असीम अरुण, मंडलायुक्त डा. राजशेखर, जिलाधिकारी आलोक तिवारी, केडीए उपाध्यक्ष अरविंद सिंह और डीसीपी ट्रैफिक बीबीजीटीएस मूर्ति उपस्थित रहे।