फ्लाइट पकड़नी है तो तीन घंटे पहले निकलें घर से
चकेरी एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या तो बढ़ा दी गई लेकिन सुविधा नगण्य है।
रास्ते में जाम से जूझने के बाद चकेरी एयरपोर्ट पर प्रवेश से लेकर बोर्डिग कराने में लगता काफी समय
जागरण संवाददाता, कानपुर : चकेरी एयरपोर्ट पर विमानों की संख्या तो बढ़ा दी गई, लेकिन सुविधा के नाम पर एयरपोर्ट बेहद गरीब है। एयरपोर्ट पर प्रवेश से लेकर बोर्डिंग कराने में अन्य हवाईअड्डों की तुलना में औसतन काफी अधिक समय लगता है। इसके चलते यात्रियों को तीन से चार घंटे पहले घर से निकलना मजबूरी है। एयरपोर्ट अधिकारी यात्रियों को होने वाली समस्याओं से हर दिन रूबरू होते हैं, लेकिन व्यवस्थाओं की कमी के चलते वह भी हाथ खड़े कर लेते हैं।
रामादेवी के जाम से जूझते हुए यात्री करीब दो किमी की यात्रा करते हुए एयरपोर्ट पहुंचते हैं तो उन्हे अक्सर प्रवेश द्वार पर इंतजार करना पड़ता है। दरअसल यहां प्रवेश मार्ग एक है और बैरीकेडिग के चलते इतना संकरा है कि एक ओर के वाहन ही आ सकते हैं। लिहाजा सुरक्षाकर्मी एयरपोर्ट पर आने और जाने वाले वाहनों को बारी बारी से आगे निकालते हैं। इससे आगे बढ़ते हुए सड़क पर ही स्टैंड संचालक गाड़ी रोककर टिकट बनाता है जिससे वाहनों की कतार लग जाती है। प्रवेश से पोर्टिको तक पहुंचने में 15 मिनट का समय आसानी से चला जाता है। पोर्टिको तक पहुंचने के बाद आपको साइड में वाहन खड़ा कर इंतजार करना पड़ेगा क्योंकि आगे खड़े वाहन से उतर रहे यात्रियों को सामान निकालने में वक्त लगता है। यहां से सीधे एयरपोर्ट के मुख्य प्रवेश द्वार पर बोर्डिंग के लिए लाइन लगाना भी यात्रा में शामिल है। बोर्डिंग होने में 20-30 मिनट का समय लग जाता है। एयरपोर्ट के अंदर प्रवेश करते ही टिकट काउंटर से टिकट क्लीयर कराने के बाद सिक्योरिटी चेकिग में काफी वक्त लग जाता है क्योंकि यहां एक ही काउंटर है।ऐसे में यदि समय पर फ्लाइट पकड़नी है तो एक घंटा पहले एयरपोर्ट पहुंचना होगा।
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तीन घंटे में पांच फ्लाइट भी बढ़ाती है भीड़
स्पाइस जेट के दिल्ली और मुंबई के दो विमान उड़ान भर रहे थे तब यात्रियों को इतनी लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ती थी लेकिन जब से विमानन कंपनी इंडिगो के तीन विमानों ने उड़ान भरना शुरू किया है तब से लाइन समेत यात्रियों की दूसरी समस्याएं बढ़ गई हैं।इसका बड़ा कारण तीन घंटे में पांच फ्लाइट का आना भी है।दरअसल दोपहर 12:40 से दोपहर के 3:45 के बीच ही पांच फ्लाइट का आवागमन होता है ऐसे में इस दौरान एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या बढ़ जाती है।हालांकि अभी हैदराबाद की फ्लाइट को निरस्त कर दिया है बावजूद इसके मुंबई की दो दिल्ली और बेंगलुरु की एक-एक फ्लाइट का संचालन हो रहा है।
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एयरपोर्ट पर स्पेश कम है। यात्रियों की इन्हीं सब समस्याओं के निस्तारण के लिए नई टर्मिनल बिल्डिग बनाई जा रही है जिसमें सभी तरह की सुविधाएं हैं।
-बीके झा, निदेशक एयरपोर्ट