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GST : यदि आपने इस तारीख तक नहीं फाइल किया रिटर्न तो खुद हो जाएगा लॉक Kanpur News

एक बार लॉक होने के बाद उस वित्तीय वर्ष का रिटर्न न तो भर सकेंगे और न ही सुधार सकेंगे कारोबारी।

By AbhishekEdited By: Published: Fri, 06 Dec 2019 12:44 PM (IST)Updated: Fri, 06 Dec 2019 05:22 PM (IST)
GST : यदि आपने इस तारीख तक नहीं फाइल किया रिटर्न तो खुद हो जाएगा लॉक Kanpur News
GST : यदि आपने इस तारीख तक नहीं फाइल किया रिटर्न तो खुद हो जाएगा लॉक Kanpur News

कानपुर, [जागरण स्पेशल]। जीएसटी में वित्तीय वर्ष 2017-18 का वार्षिक रिटर्न इस माह 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है। अब तक कई बार इसकी तारीख बढ़ाई जा चुकी है। इसमें खासियत यह है कि दो करोड़ रुपये से नीचे का कारोबार करने वाले व्यापारियों को रिटर्न फाइल करना वैकल्पिक कर दिया गया है। इसका मतलब वे रिटर्न फाइल करें या न करें उनकी मर्जी। यहां वास्तविकता यह है कि व्यापारियों को लग रहा होगा कि वे रिटर्न फाइल नहीं कर रहे लेकिन सिस्टम यह मान लेगा कि उन्होंने रिटर्न फाइल कर दिया है। इसके आधार पर ही वह उनका रिटर्न 31 दिसंबर को खुद ही लॉक कर देगा। एक बार रिटर्न लॉक होने के बाद कारोबारी उस वित्तीय वर्ष का रिटर्न दोबारा न तो सुधार सकेंगे न उसे फिर से भर सकेंगे।

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रिटर्न नहीं भरने का हो सकता है नुकसान

टैक्स सलाहकारों के मुताबिक कारोबारी सोच रहे हैं कि दो करोड़ से नीचे के कारोबार में रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं है लेकिन उन्हें अपने सहूलियत के लिए रिटर्न को फाइल करना चाहिए। ऐसा न करने पर उन्हें अपने रिटर्न में आगे सुधार करने का कोई मौका नहीं मिल पाएगा इसलिए अभी डीआरसी 03 में ब्याज के साथ टैक्स भरकर रिटर्न फाइल कर देना चाहिए ताकि भविष्य की पूछताछ से बच सकें।

दोनों वित्तीय वर्ष के लिए अलग तारीख

जीएसटी में अब तक दो वित्तीय वर्ष गुजर चुके हैं। वित्तीय वर्ष 2017-18 और वित्तीय वर्ष 2019। वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 31 दिसंबर 2019 अंतिम तिथि है। जबकि वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 31 मार्च 2020 रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि है। इससे पहले वित्तीय वर्ष 2017-18 के रिटर्न को फाइल करने की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2019 थी। वहीं वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2019 थी। पहले को एक माह, दूसरे को तीन माह बढ़ाया गया है।

कुछ सहूलियतें भी हैं

जीएसटी के वार्षिक रिटर्न फार्म 9 और फार्म 9सी पर फाइल करने हैं। इसमें पहले एचएसएन कोड अनिवार्य किया गया था जिसको लेकर कारोबारी और टैक्स सलाहकार दोनों परेशान थे। अब एचएसएन कोड की अनिवार्यता खत्म कर दी गई है। इसके साथ ही इनपुट टैक्स क्रेडिट के वर्गीकरण, इनपुट सर्विस व कैपिटल गुड्स के अलग-अलग आंकड़े अपलोड नहीं करने होंगे।

दो करोड़ से नीचे के लिए फार्म 9

जीएसटी में वार्षिक रिटर्न फार्म 9 और फार्म 9सी के जरिए भरे जाते हैं। इसमें दो करोड़ रुपये से नीचे वाले फार्म 9 भरते हैं। हालांकि यह वैकल्पिक है। वे चाहे भरें, वे चाहे न भरें। दूसरी ओर दो करोड़ से ऊपर वाले 9सी फार्म भरते हैं। इस फार्म को किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट से प्रमाणित करने भी कराना होता है।

इन तारीखों को याद रखें

- 31 दिसंबर 2019, वित्तीय वर्ष 2017-18 के रिटर्न के लिए।

- 31 मार्च 2020, वित्तीय वर्ष 2018-19 के रिटर्न के लिए।  


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