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हर सोना खरा नहीं, हॉलमार्क आभूषण खरीदने से पहले इन बातों काे जरूर परख लें

शहर और आसपास पांच हजार दुकानों में 50 के पास भी हालमार्क नहीं, ग्रामीण और शहर के बाहरी इलाकों में नकली चिह्न बना बेच रहे जेवर।

By Edited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 12:54 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 11:30 AM (IST)
हर सोना खरा नहीं, हॉलमार्क आभूषण खरीदने से पहले इन बातों काे जरूर परख लें
हर सोना खरा नहीं, हॉलमार्क आभूषण खरीदने से पहले इन बातों काे जरूर परख लें
कानपुर, जागरण स्पेशल। सहालग का दौर जारी है। बेटियों की शादी के लिए जेवरों की खरीदारी बहुत तेज है। बडे़ शोरूम के साथ छोटी-छोटी दुकान वाले सराफा कारोबारियों की बिक्री बढ़ गई है। अपने गाढ़े पसीने की कमाई को खरीदार हालमार्क ज्वैलरी में लगाना चाहता है, ताकि वह ठगा न जाए लेकिन बड़ी संख्या में दुकानदार नकली हालमार्क की मोहर लगाकर ग्राहकों को ठग रहे हैं। शहर में करीब तीन हजार सराफा की दुकानें हैं लेकिन इनमें से 50 के पास भी हालमार्क का पंजीयन नहीं है। इसका कुछ कारोबारी गलत तरीके से लाभ उठा रहे हैं।

जेवर पर ये चिह्न जरूर देखें
-मानक चिह्न
-सोने की मात्रा का चिह्न
-परीक्षण केंद्र का चिह्न
-वर्ष कोड
-आभूषण विक्रेता का निशान
ऐसे जानें वर्ष कोड
वर्ष 2000 से हालमार्क का वर्ष कोड लिखना शुरू हुआ था। उस वर्ष इसे 'ए' कोड दिया गया था। 2001 को 'बी' कोड दिया गया। वर्ष 2019 का कोड 'टी' है। अगले वर्ष यह कोड 'यू' होगा। जिस वर्ष जेवर बना होता है, उस पर उस वर्ष का कोड होता है।
कैरेट और शुद्धता इस तरह पहचानें
हालमार्क में इस समय तीन कैरेट श्रेणी में ही जेवर बेचने की अनुमति है। ये 22 कैरेट, 18 कैरेट व 14 कैरेट हैं। 22 कैरेट के लिए 916 लिखा जाता है। इसका मतलब है 91.6 फीसद शुद्ध सोना। 18 कैरेट का मतलब है 75 फीसद शुद्ध सोना और इसके लिए 750 शब्द का इस्तेमाल होता है। 14 कैरेट के लिए 585 अंक का इस्तेमाल होता है। इसका मतलब 58.5 फीसद शुद्ध सोना।

10 फीसद अतिरिक्त खर्च को तैयार रहें
हालमार्क जेवरों के लिए ग्राहकों को लगभग 10 फीसद अतिरिक्त खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए। इस अतिरिक्त खर्च के बदले वह इस बात के लिए आश्वस्त रहते हैं कि उन्होंने जो धन दिया है, उसके बदले पूरा सोना मिला है।
दुकानदार का पंजीयन जरूर देखें
आज के दौर में ग्राहक हालमार्क के जेवर चाहते हैं। ग्राहक जब जेवर खरीदने पहुंचें और उन्हें जरा भी संदेह हो तो वह दुकानदार का हालमार्क पंजीयन जरूर देखें। जिस दुकानदार के पास हालमार्क का पंजीयन है, वह यह जेवर बेच सकता है।
बीआइएस की साइट पर हैं नाम
अगर यह न पता लग रहा हो कि जिस दुकानदार के पास वह जा रहे हैं, उसके पास हालमार्क का पंजीयन है या नहीं तो इसके लिए इंटरनेट का सहारा लें। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) की बेवसाइट पर उसके सभी पंजीकृत दुकानदारों के नाम रहते हैं। धोखाधड़ी में हो सकती कार्रवाई नकली हालमार्क की मुहर लगाकर बेचने वाले सराफा कारोबारियों की जानकारी होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

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