खस्ताहाल सड़क पर हादसा हुआ तो अफसरों के खिलाफ होगा मुकदमा
- दादानगर को पनकी बाईपास से जोड़ने वाली सड़क पर दो से ढाई फीट के गड्ढे बने औद्योगिक क्षेत्रों के लिए नासूर -
जागरण संवाददाता, कानपुर : औद्योगिक विकास में बाधक बनने वाली शहर की बदहाल सड़कों के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिरना तय है। मंडलायुक्त सुधीर एम बोबडे ने इसके संकेत दिए हैं। मंडलीय उद्योग बंधु की बैठक में मंगलवार को दादानगर से पनकी बाईपास को जोड़ने वाली फर्टिलाइजर मोड़ की खस्ताहाल सड़क का मुद्दा गूंजा तो उन्होंने साफ कर दिया कि अगर सड़क पर हादसा हुआ तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। उन्होंने पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को जल्द ही सड़क दुरुस्त करने के निर्देश दिए।
मंडलायुक्त के सामने उद्यमियों ने टूटी फूटी सड़कों की तकलीफ रखते हुए बताया कि फर्टिलाइजर मोड़ की सड़क से औद्योगिक क्षेत्र पनकी साइट-1 से लेकर 4 में स्थित औद्योगिक इकाइयों में माल की आवाजाही होती है। ट्रांसपोर्ट नगर में भी माल इसी सड़क से जाता है। इस एक किमी सड़क पर दो से ढाई फीट के गड्ढे हो गए हैं। बैठक में भौती से भीमसेन को जोड़ने वाली जर्जर सड़क का मुद्दा भी उठा। संबंधित अधिकारियों ने बताया कि इस सड़क का टेंडर हो गया है जो सितंबर में खुलेगा। इसके अलावा दादानगर से विजयनगर जाने वाली सर्विस रोड की खराब हालत व बंसल एवं कैलाश फीडर में ट्रिपिग की समस्या को लेकर भी उद्यमियों ने नाराजगी जताई। मंडलायुक्त ने उनकी समस्या सुनने के बाद कहा कि अगर एक माह में विभागीय अधिकारी इसे दुरुस्त नहीं कराते तो प्रबंध निदेशक दक्षिणांचल को पत्र लिखा जाएगा। बैठक में संयुक्त आयुक्त उद्योग सर्वेश्वर शुक्ला, इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष आलोक अग्रवाल, महामंत्री दिनेश बरासिया, प्रांविशियल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज बंका, लघु उद्योग भारती के अध्क्ष हरेंद्र मूरजानी, महामंत्री अमन घई समेत अन्य उद्यमी मौजूद रहे।
बिजली सिक्योरिटी वापस करने के लिए दस दिन में पत्र दें
बैठक में लघु उद्योग भारती के संयोजक लाडली प्रसाद से बिजली सिक्योरिटी वापस करने के संबंध में पत्र मांगा गया। मंडलायुक्त ने कहा कि दस दिन के अंदर वह पत्र दे दें, ताकि समस्या का समाधान कराया जा सके। पनकी साइट-4 में पार्क के लिए चारदीवारी न बनने को लेकर भी उद्यमियों ने नाराजगी जताई। उद्यमियों ने कहा कि दो साल पहले इसके निर्माण के लिए जो पैसा मिला था उसकी जांच कराई जाए।
यह भी हुए निर्णय
-रनियां औद्योगिक क्षेत्र में उत्प्रवाह की समस्या के समाधान के लिए यूपीसीडा एनएचएआइ व सिचाई विभाग की टीम डीपीआर बनाए।
-ईएसआइसी के तैयार भवन में चिकित्सीय सुविधाएं प्रारंभ हों।
-औद्योगिक क्षेत्रों में जल भराव की स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए ड्रेनेज सिस्टम सुधारें।