कानपुर: बेटी से शादी न करने पर युवक की थी हत्या, पति के बाद अब पत्नी को भी हुई उम्रकैद
एडीजीसी अरविंद डिमरी ने बताया कि शेखर अपनी बेटी से शादी के लिए पवन पर दबाव बना रहा था। चूंकि शेखर ईसाई था और पवन का परिवार बंगाली इसलिए उसने शादी से इन्कार कर दिया था। जिसके बाद पति-पत्नी ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।
कानपुर, जागरण संवाददाता। बेटी से शादी न करने पर पति के साथ मिलकर युवक की हत्या करने की आरोपित महिला को अपर जिला जज राम अवतार प्रसाद ने गुरुवार को उम्रकैद और 40 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया। जुर्माने से आधी धनराशि युवक के माता-पिता को दी जाएगी। बुधवार को न्यायालय ने महिला के पति को उम्रकैद की सजा सुनायी थी। दोष सिद्ध होने के बावजूद कोर्ट में हाजिर न होने पर महिला को फरार घोषित करते हुए न्यायालय ने उसके खिलाफ कुर्की नोटिस जारी की थी।
जाजमऊ के कैलाश नगर निवासी पवन घोष का चकेरी के देवीगंज निवासी शेखर राबर्ट के घर आना जाना था। एडीजीसी अरविंद डिमरी ने बताया कि शेखर अपनी बेटी से शादी के लिए पवन पर दबाव बना रहा था। चूंकि शेखर ईसाई था और पवन का परिवार बंगाली इसलिए उसने शादी से इन्कार कर दिया था। पवन के शादी से इन्कार करने के बाद वह पत्नी डाली के साथ पवन के घर पहुंचा और उसके पिता को धमकाया। 11 नवंबर 2007 की रात शेखर एक पुलिसकर्मी के साथ पवन के घर पहुंचा और पिता बद्रीनाथ घोष को बताया कि उनके बेटे ने केरोसिन डालकर आत्महत्या कर ली है।
पड़ोसियों के साथ वह राबर्ट के घर पहुंचे तो वहां खून से सनी ईंट, रूमाल मिला। पवन के सिर से खून बह रहा था। हत्या को आत्महत्या बनाने के लिए शव को केरोसिन डालकर जला दिया गया था। इस मामले में पुलिस ने शेखर और उसकी पत्नी डाली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। गवाहों की गवाही, मेडिकल रिपोर्ट के बाद न्यायालय ने शेखर और डाली दोनों को दोषी पाया था लेकिन डाली की गैरहाजिरी के चलते उसे सजा नहीं सुनायी जा सकी। गुरुवार को डाली ने सरेंडर कर दिया जिसके बाद न्यायालय ने उसे सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।