महोबा में डूब गए किसानों के अरमान, सिंचाई विभाग की लापरवाही में बर्बाद हुई 400 बीघा फसल
अर्जुन बांध से जुड़ी नहर कट जाने से लगातार पानी रिसाव हो रहा है और दो सौ बीघा से ज्यादा फसल डूब चुकी है। खेतों में पानी भर जाने से एक दर्जन से ज्यादा किसानों को नुकसान हुआ है। डाल नहर के कटाव की मरम्मत अबतक नहीं हो सकी है।
महोबा, जागरण संवाददाता। चरखारी में अर्जुन बांध से निकली नहर कटने से करीब 400 बीघा फसल जलमग्न हो गई है। करीब एक दर्जन किसानों का नुकसान हो चुका है। पानी का रिसाव बंद नहीं होने से फसल पूरी तरह से बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गई है। हालात यह हैं कि तीसरे दिन भी नहर की मरम्मत न होने से खतरा और भी बढ़ गया है।
महोबा में तीन दिन पहले फतेहपुर मौजा के पास नहर कटने किसानों की फसलों को नुकसान हो रहा है। खेत जलमग्न होने से अबतक करीब 400 बीघा की गेहूं व चना आदि की ज्यादातर फसलें चौपट हो गई हैं। चरखारी क्षेत्र में आने वाले अर्जुन बांध से सिंचाई के लिए 20 साल पहले लिफ्ट कैनाल बनाई गई थी, जिसे अर्जुन डाल नहर कहा जाता है। ग्राम बम्हौरी बेलदारन में लिफ्ट पंप है।
करीब 24 किमी लंबी नहर बम्हौरी बेलदारन से ग्राम अस्थौन मलखानपुर, रूपनगर, मझौल, फतेहपुर, इमिलिया, बगरौन तक जाती है। इससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलता है। नहर कटने से हालात यह हैं कि खेत में तैयार गेहूं, मटर, तिलहन की करीब चार सौ बीघा फसल जलमग्न हो चुकी है। पानी यूं ही भरता रहा तो पौध सड़ जाएगी। तीसरे दिन भी नहर का फूटा हुआ हिस्सा सही नहीं किया जा सका है।
किसान रमेश कुमार, मिर्खू, रघुवीर ङ्क्षसह, मनोज, ख्याली, अशोक, कौशल्या आदि ने बताया कि फसलों में अब कुछ नहीं बचा है। परिवार का गुजारा मुश्किल होगा। प्रशासन से क्षतिपूर्ति का आकलन कराकर मुआवजा दिलाने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले भी खरेला क्षेत्र में इसी बांध से निकली नहर के कटने से करीब 500 बीघा फसल डूब गई थी। सिंचाई विभाग के जूनियर इंजीनियर राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि नहर कटने की सूचना किसानों ने दी है। कटान बंद करने का काम शुरू करा दिया है, जल्द ही पानी रोक लिया जाएगा। बहाव तेज होने से दिक्कत आ रही है।