आेमान से छूटकर कानपुर आ रही महिलाएं, लखनऊ एयरपोर्ट से निकलकर कोर्ट में होंगे बयान
मानव तस्करों के चंगुल में फंसी महिलाएं ओमान में छूटने के बाद मस्कट से दिल्ली की उड़ान भरी और रविवार को लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचने के बाद क्राइम ब्रांच उन्हें कोर्ट में पेश करके बयान कराएगी। इसके लिए स्वजन भी पुलिस टीम के साथ रवाना हुए हैं।
कानपुर, जेएनएन। मानव तस्करों के चंगुल में फंसकर ओमान गईं उन्नाव व कानपुर की तीन पीडि़ताओं समेत पांच महिलाएं शनिवार रात 10 बजे ओमान से भारत के लिए चल पड़ी हैं। उन्होंने वायस मैसेज भेजकर डीसीपी को शुक्रिया कहा है। रविवार तड़के चार बजे तक उनके लखनऊ एयरपोर्ट आने की उम्मीद है। सूचना पर उनके स्वजन के साथ क्राइम ब्रांच टीम भी लखनऊ रवाना हो गई। कानपुर लाकर तीनों महिलाओं से पूछताछ की जाएगी और एक दो दिन में उनके कोर्ट में बयान कराए जाएंगे।
इसी वर्ष जनवरी से मार्च के बीच उन्नाव कांशीराम कालोनी व सफीपुर की दो और बेकनगंज की एक महिला नौकरी के झांसे में आकर ओमान गई थी। जहां बंधक बनाकर जबरन शेखों के घरों पर काम कराया जाता था। पुलिस मानव तस्कर अतीकुर्रहमान व मुजम्मिल को जेल भेज चुकी है। इसके बाद डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल के प्रयास से ओमान के भारतीय दूतावास ने तीनों पीडि़ताओं को वहां की एजेंसी व शेख के घरों से मुक्त कराया था। तब से तीनों दूतावास में रह रही थीं। उनके पासपोर्ट व अन्य कागजात सर्वेंट एजेंसी संचालिका आयशा ने रोक लिए थे और लाखों रुपये मांग कर रही थी। दूतावास ने भी क्राइम ब्रांच से कहा था कि वह गिरफ्तार आरोपितों से पैसों की रिकवरी कराएं, लेकिन कोई मदद नहीं मिली। पिछले दिनों दूतावास ने विदेश मंत्रालय की मदद से एजेंसी को 80 हजार रुपए दिए, तब दस्तावेज वापस मिले। शनिवार शाम छह बजे महिलाएं मस्कट एयरपोर्ट पहुंचीं।
टूरिस्ट वीजा पर भेजा था, बाद में हुआ परिवर्तन
डीसीपी ने बताया कि पीडि़ताएं टूरिस्ट वीजा पर गई थीं। अवधि खत्म होने के बाद एजेंसी ने वर्किंग वीजा अप्रूव कराया था। इसमें काफी पैसा खर्च हुआ था। एजेंसी यही रकम भारतीय दूतावास से मांग रही थी। डीसीपी ने यह भी बताया कि पूर्व में वापस बुलाई गई उन्नाव की महिला ने ओमान से आ रही एक महिला को मानव तस्करों का साथी बताया था, लेकिन जांच में आरोप साबित नहीं हुए।