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Human Trafficking Case: आजादी के पर्व पर ओमान से आजाद हुईं तीन महिलाएं, दर्द भरी है उनकी कहानी

Human Trafficking in Kanpur उल्लेखनीय है कि जनवरी से मार्च के बीच मानव तस्करों ने महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर इंप्लॉयमेंट वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेजा था। इसके चलते महिलाएं वहां फंस गई और इस दौरान उनको यातनाएं झेलनी पड़ी।

By Shaswat GuptaEdited By: Published: Sun, 15 Aug 2021 03:33 PM (IST)Updated: Sun, 15 Aug 2021 05:28 PM (IST)
Human Trafficking Case: आजादी के पर्व पर ओमान से आजाद हुईं तीन महिलाएं, दर्द भरी है उनकी कहानी
मानव तस्करी की खबर से संबंधित प्रतीकात्मक फोटाे।

कानपुर, जेएनएन। Human Trafficking in Kanpur स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ उन तीन महिलाओं के लिए मंगलकारी सिंद्ध साबित हुई  जो ओमान से आजाद होकर अपने घर पहुंचीं। लंबे समय से उनकी घर वापसी के लिए प्रयासरत कानपुर क्राइम ब्रांच को आखिर सफलता मिल ही गई। कानपुर और उन्नाव की तीन महिलाओं के लिए ओमान किसी काला पानी की सजा से कम नहीं था। तीनों महिलाएं रविवार सुबह फ्लाइट से ओमान से लखनऊ एयरपोर्ट पहुंची। पुलिस अब उनके कोर्ट में बयान कराएगी।

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उल्लेखनीय है कि जनवरी से मार्च के बीच मानव तस्करों ने महिलाओं को अच्छी नौकरी का झांसा देकर इंप्लॉयमेंट वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेजा था। इसके चलते महिलाएं वहां फंस गई और इस दौरान उनको यातनाएं झेलनी पड़ी। महिलाओं ने बताया कि बगैर खाए-पिए 20-20 घंटे काम, बीमार होने पर दवा और खाना तक नहीं दिया जाता था। पिटाई के साथ कई यातनाएं भी झेली। जिसे सोचकर वह कांप उठती है।

एक कानपुर और दो उन्नाव की निवासी: रिजवी रोड की रहने वाली 45 वर्षीय हुस्नआरा, कांशीराम कालोनी उन्नाव की रहने वाली 44 वर्षीय उमरजहां और सफीपुर उन्नाव की रहने वाली 46 वर्षीय नसरीन को क्राइमब्रांच ने भारतीय दूतावास से संपर्क करके महिलाओं को वापस लौटाने के लिए प्रयास कर रहा था और स्वतंत्रता दिवस पर तीनों महिलाएं अपने घर लौट सकीं।

अपनों से मिलकर रो पड़ीं तीनों: महिलाएं रविवार सुबह अपने घर पहुंची और बच्चों से मिलकर रो पड़ीं। इन्होंने बताया कि नौकरी का झांसा देकर पासपोर्ट-वीजा समेत अन्य का पहले ही लाखों रुपए यहां पर वसूल लिए गए थे। टूरिस्ट वीजा पर ओमान भेज दिया। इसी वजह से परेशानी हुई। एजेंसी संचालिका ने भी जबरन काम पर भेजा। वापस आने का खर्च तक नहीं जुटा सकीं। डीसीपी ने बताया कि मानव तस्करी का पूरा गिरोह सक्रिय था। एजेंट को सरगना प्रति महिला की सप्लाई पर 25-30 हजार रुपये कमीशन देता था।

तीन तस्कर जा चुके हैं जेल: उन्नाव की कांशीराम कालोनी निवासी महिला को क्राइम ब्रांच ने जब अप्रैल में ओमान से मुक्त कराया था तब उसके पति की तहरीर पर तस्कर मुजम्मिल और अतिकुर्ररहमान के खिलाफ कर्नलगंज थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। पूछताछ में आरोपितों ने बताया था कि उनका गिरोह कर्नाटक में सक्रिय है। वे सिर्फ एजेंट हैं। जिसका सरगना बंगलुरू निवासी मोहम्मद अमीन है। इसके बाद क्राइम ब्रांच ने बंगलुरू से अमीन को गिरफ्तार कर जेल भेजा।


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