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चित्रकूट में जंगल की आग से रेलवे को लाखों का नुकसान, धुएं के बीच से गुजर रहीं मुंबई-हावड़ा रेल रूट पर ट्रेनें

चित्रकूट में पाठा के जंगलों में आग से ओहन रेलवे स्टेशन की सिग्नल प्रणाली की केबल जलने से 36 घंटे तक ट्रेनों का संचालन मैनुअल तरीके से हुआ था। अब कल्याणपुर धारकुंडी कोलुहा व देवांगना घाटी में भीषण आग धधक रही है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 07:51 PM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 07:51 PM (IST)
चित्रकूट में जंगल की आग से रेलवे को लाखों का नुकसान, धुएं के बीच से गुजर रहीं मुंबई-हावड़ा रेल रूट पर ट्रेनें
पाठा के पहाड़ बयां कर रहे आग का मंजर।

चित्रकूट, जेएनएन। जंगल में लगी आग जो तबाही मचाई है उसका मंजर पाठा के पहाड़ बयां कर रहे हैं। वन संपदा नष्ट होने के साथ ही ओहन रेलवे स्टेशन की सिग्नल प्रणाली की केबल जलने से रेलवे को लाखों का नुकसान हुआ है। वहीं अभी भी कल्याणपुर, धारकुंडी, कोलुहा व देवांगना घाटी में भीषण आग धधक रही है और जंगल किनारे रेल रूट पर ट्रेनों धुएं के गुबार के बीच से होकर गुजर रही हैं। वन विभाग का दावा है कि अधिकांश स्थानों पर आग पर काबू पा लिया गया है। मानिकपुर-झांसी रेलखंड के ओहन, बहिलपुरवा स्टेशन के आसपास लगी आग बुझ चुकी है और सिग्नल प्रणाली भी सुचारु कर ली गई है। अभी मुंबई-हावड़ा रेलमार्ग में टिकरिया, मझगंवा आदि स्टेशनों के पास आग अभी सुलग रही है।

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मानिकपुर प्रतिनिधि के मुताबिक वन प्रभाग के अलावा रानीपुर वन्यजीव विहार के जंगलों में आग फैली है। इसी जंगल से बीच से मुंबई-हावड़ा रेल लाइन गुजरी है। रानीपुर वन्यजीव विहार के मारकुंडी रेंज के कल्यानपुर व धारकुंड़ी जंगल में भीषण आग लगी है। धारकुंडी आश्रम से आग दूर बताई जा रही है। बेधक के जंगल भी तीसरे दिन सुलग रहे हैं। सेंचुरी की टीमें आग बुझाने में जुटी हैं। आग ने जंगल की वन संपदा को ऐसे तबाह किया हैै कि पहाड़ों में पेड़ों के अवशेष नजर आते हैं। वहीं वन प्रभाग के कर्वी के कोलुहा और मारकुंडी रेंज के देवांगना जंगलों में रविवार की सुबह भीषण आग लगी थी। घंटों बाद पहुंची वन विभाग की टीम ने किसी तरह आग में काबू पाया। प्रभागीय वनाधिकारी कैलाश प्रकाश ने बताया कि कोलुहा व देवांगना घाटी की आग को बुझा दिया गया है। इस समय जिले में कहीं पर भी आग नहीं है।

जल गईं सिग्नल प्रणाली की केबिल

चित्रकूटधाम कर्वी रेलवे स्टेशन से मानिकपुर जंक्शन के बीच ओहन और बांसा पहाड़ स्टेशन के आसपास जंगल में आग तीन दिन तक कहर बरपाया। करीब डेढ किलोमीटर की रेलवे सिग्नल की 10 केबल जल गईं। आग से रेलवे को करीब तीस लाख का नुकसान होने का अनुमान है। गुरुवार शाम से शुक्रवार तक करीब 36 घंटे मानिकपुर और बांसा पहाड़ की ओर आने-जाने वाली ट्रेनों का संचालन मैनुअल किया गया। बांसा पहाड़ तक रेलवे की गश्त बढ़ाई गई है, जिससे भविष्य में आग लगने या किसी अन्य वजह से केबल को बचाया जा सके।

अभी धधक रहा बेधक जंगल

रानीपुर वन्य जीव विहार के बेधक जंगल में अभी आग लगी हुई है। इससे वन्य जीव इधर-उधर भागते फिर रहे हैं। मानिकपुर रेंज के निही चरैया के पास बेधक जंगल में टीमें आग बुझा रहीं हैं। रेंजर त्रिवेणी प्रसाद ने बताया कि ग्रामीणों की मदद से ज्यादातर क्षेत्र में आग पर काबू पाया जा चुका है।

महुवा के लिए आग लगाने वाले पांच पर जुर्माना

वन प्रभाग के मानिकपुर रेंज के जंगल में महुवा बीनने के लिए आग लगाने वाले पांच लोगों को वन विभाग की टीम ने पकड़ा है। डीएफओ ने बताया कि पकड़ गए आरोपितों में छोटकू पुत्र कोहू, मुन्ना पुत्र प्रभु, बच्ची लाल निवासी ग्राम रमपुरिया, सलीम पुत्र रज्जाक व जीकृशाली पुत्र रज्जाक निवासी मुस्लिम पुरवा को गिरफ्तार किया गया है। उनके खिलाफ विभागीय मामला दर्ज कर नौ हजार रुपये का प्रतिकार के रूप में वसूली की गई है।


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