छावनी के व्यावसायिक भवन स्वामियों की ढीली होने जा रही है जेब, 15 गुना तक अधिक देना होगा टैक्स Kanpur News
सर्वे में अब तक चिह्नित की गईं 375 व्यावसायिक संपत्तियां 200 का हो चुका कर निर्धारण।
कानपुर, जेएनएन। छावनी स्थित व्यावसायिक भवनों पर टैक्स का निर्धारण लगभग पूरा हो चुका है। टैक्स निर्धारण को लेकर अब तक हुई सुनवाई के बाद जो तस्वीर सामने आई है, उसके मुताबिक टैक्स में 15 गुना तक अंतर आया है। एक बार में टैक्स की इतनी बढ़ोतरी से जहां स्थानीय लोगों में आक्रोश है, वहीं छावनी परिषद प्रशासन का दावा है कि नगर निगम की अपेक्षा अभी छावनी में व्यावसायिक इमारतों में टैक्स की दरें कम हैं।
छावनी परिषद क्षेत्र में हुए सर्वे में अब तक 375 व्यावसायिक संपत्तियों को चिह्नित किया गया है। इन संपत्तियों से छावनी परिषद दस लाख रुपये का वार्षिक टैक्स वसूल रहा था।
पिछले कई वर्षों से टैक्स की दरों में कोई इजाफा नहीं हुआ। छावनी परिषद के सीईओ अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि सभी व्यावसायिक संपत्तियों के मालिकों को बुलाकर उनका पक्ष सुना जा रहा है, जिसके बाद टैक्स निर्धारण हो रहा है। फिलहाल 200 से अधिक संपत्तियों में टैक्स का निर्धारण हो चुका है, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 15 गुणा अधिक है। अनुमान है कि व्यावसायिक संपत्तियों का टैक्स दस लाख रुपये से बढ़कर इस साल डेढ़ करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
नगर निगम की तर्ज पर है टैक्स निर्धारण
छावनी परिषद के राजस्व निरीक्षक कमर अब्बास ने बताया कि इस बार छावनी परिषद का कर निर्धारण नगर निगम के तर्ज पर हो रहा है। नगर निगम ने शहर के हर क्षेत्र की किराया दरें तय की हैं, जिसके आधार पर निगम साल भर का प्रति वर्ग फीट का टैक्स निर्धारण करता है। व्यावसायिक संपत्तियों का कर निर्धारण इमारत में चलने वाले व्यवसाय से होता है। मसलन होटल या बड़ा व्यवसाय होने पर यह पांच गुणा हो जाएगा और छोटी दुकान का टैक्स दो या तीन गुणा होगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल तो टैक्स निर्धारित हो रहा है वह नगर निगम के टैक्स से कम है।
अगले महीने से आवासीय भवनों का कर निर्धारण
छावनी परिषद के सीईओ अरविंद कुमार द्विवेदी ने बताया कि नवंबर में व्यावसायिक संपत्तियों का कर निर्धारण समाप्त हो जाएगा। इसके बाद दिसंबर से आवासीय भवनों का कर निर्धारण शुरू होगा। छावनी में इस समय पांच हजार आवासीय संपत्तियों से लगभग 74 लाख रुपये का टैक्स वसूला जा रहा है। लोगों पर करों का भारी बोझ न पड़े इसलिए पुराने टैक्स में ही 25 से 30 फीसद की बढ़ोतरी की जाएगी।