'नैया' बचाने को पानी में 'माननीय'
उफनती नदियां घर-गृहस्थी उजाड़ती जा रही थीं। हजारों परिवार बेघर हो गए। बड़ी आस से पीड़ित जनता अपने उस चहेते नेता की ओर टकटकी लगाए थीं, जो उनके वोट से लखनऊ और दिल्ली के दरबार में जा बैठे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : उफनती नदियां घर-गृहस्थी उजाड़ती जा रही थीं। हजारों परिवार बेघर हो गए। बड़ी आस से पीड़ित जनता अपने उस चहेते नेता की ओर टकटकी लगाए थीं, जो उनके वोट से लखनऊ और दिल्ली के दरबार में जा बैठे। कुछेक जनप्रतिनिधि जरूर क्षेत्र में सक्रिय रहे, लेकिन बाकी न जाने किस इंतजार में थे। शुक्रवार को बर्रा में बाढ़ पीड़ितों का आक्रोश फूटा, पथराव और आगजनी जैसी घटना सामने आई, तो माननीयों को इशारा मिल गया कि नाराजगी जनता के दिलों तक पहुंच चुकी है। फिर एकाएक जनप्रतिनिधियों को अपनी 'जमीन' नजर आई और अपने-अपने क्षेत्र में दौड़ पड़े।
कैबिनेट मंत्री सतीश महाना ने क्षेत्र का दौरा करने के साथ ही सर्किट हाउस में अधिकारियों के साथ बैठक की। भाजपा सासद देवेंद्र सिंह भोले पनकी मंदिर स्थित रैन बसेरा, सुंदर नगर, गंभीरपुर प्राथमिक विद्यालय, टिकरा प्राथमिक विद्यालय, बाबा राइस मिल मेहरबान सिंह पुरवा व गुजैनी के राहत शिविरों में गए। बाढ़ पीड़ितों को ढाढस बंधाया। पूड़ी सब्जी, ब्रेड, बिस्कुट, नमकीन आदि खाद्य पदार्थ भी बाटे। सासद के साथ चिकित्सकों की भी टीम थी, जिसने पीड़ितों का परीक्षण किया। विधायक अभिजीत सिंह ने टिकरा, पिपरा, बछऊपुर, भौंतीखेड़ा, रौतेपुर आदि गावों का दौरा किया। राहत शिविरों में रुके ग्रामीणों से मिले और आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य होने के बाद बाढ़ में हुए नुकसान का सर्वे कराकर सरकार से उचित मदद की माग की जाएगी। शिविर के लोगों को खाद्य सामग्री का वितरण किया गया। विधायक नीलिमा कटियार ने सुंदर नगर पनकी का निरीक्षण किया। बाढ़ शिंिवर में खाद्य सामग्री का वितरण कराया। पूर्व सासद श्याम बिहारी मिश्र, पूर्व विधायक सतीश निगम ने भी विभिन्न जगहों पर राहत सामग्री बांटी।
वहीं, मेहरबान सिंह का पुरवा सहित आसपास के प्रभावित गांवों का दौरा करने सांसद सुखराम सिंह भी पहुंचे। उन्होंने खुद ट्रैक्टर चलाकर क्षेत्र का जायजा लिया और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। सभी को खाद्य सामग्री का वितरण किया। उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन की ओर से राहत कार्य के कोई इंतजाम दिखाई नहीं दे रहे हैं। इस संबंध में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को भी पत्र लिखेंगे।
मदद के लिए आगे आई समाजसेवी संस्थाएं
बाढ़ प्रभावित गावों में लगे राहत शिविरों में मदद के लिए कई समाजसेवी संगठन सक्रिय हैं। माता मातृ सेवा समिति के समाजसेवी राजू दुबे, श्याम दुबे, संजू तिवारी, धर्मेद्र पाल, राजकिशोर शुक्ल, पूर्व प्रधान राजू तिवारी ने बाढ़ पीड़ितों को भोजन की व्यवस्था कराई। आपका साथ चैरिटेबल सोसाइटी की प्रार्थना शुक्ला, प्रीति गुलाटी, सुनीता, लकी, इंदु, रीना ने मर्दनपुर, रविदासपुरम, तात्याटोपे नगर में बने बाढ़ शिविर में खाने की सामग्री के साथ कपड़े बांटे। विश्व शांति सेवा चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा रविदासपुरम अंबेडकरपुरम में खाद्य सामग्री व कपड़ों का वितरण किया गया। इस अवसर पर वीरेंद्र गुप्ता, चुन्नीलाल गुप्ता, सतीश गुप्ता, शिवचरण वर्मा आदि थे। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से निकालकर राहत शिविरों में रखे गए लोगों को सिविल डिफेंस और रेडक्रॉस की टीम ने भी राहत सामग्री पहुंचाई। टीम में लखन शुक्ला, आरके सफ्फड़, रामप्रसाद मिश्र आदि शामिल रहे।
निश्शुल्क मेडिकल शिविर
सीएचसी कल्याणपुर के डॉक्टरों की टीम द्वारा निश्शुल्क दवाएं बाटी गई। वहीं, केडीए ने चार टीमें बनाई हैं। अधिशासी अभियंता की अगुवाई में सहायक अभियंता, अवर अभियंता, बेलदार व सुपरवाइजर समेत दस लोगों की टीम होगी। अपनी योजनाओं में आने वाली समस्याओं का निस्तारण प्रशासन के साथ मिलकर करेंगी।