Holi Celebration In Kanpur: आनंदेश्वर बाबा के दरबार में बरसा आनंद का रंग, तस्वीरों में देखें यहां की होली
Holi Celebration In Kanpur रंगोत्सव में बाबा पर चढ़ाया रंग-अबीर भक्तों ने मांगी सुख-समृद्धि। आनंदेश्वर मंदिर सहित जागेश्वर महादेव सिद्धनाथ धाम और पनकी मंदिर पहुंचे श्रद्धालु। कोविड के चलते मंदिरों में होने वाले आयोजन पर रही रोक भक्तों ने चढ़ाया रंग-अबीर।
कानपुर, [जागरण स्पेशल]। Holi Celebration In Kanpur शहर में परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर कानपुरवासियों की आस्था का केंद्र है। गंगा नदी के किनारे बने सुप्रसिद्ध प्राचीन मंदिर आनंदेश्वर मंदिर में होली के अवसर पर सुबह से ही कतारें लगी हैं। होलिकोत्सव पर बाबा आनंदेश्वर मंदिर परमट सहित शहर के ज्यादातर मंदिरों में भक्तों ने प्रभु के चरणों में रंग गुलाल अर्पित कर सुख-समृद्धि की कामना की। बाबा के साथ होली खेलने पहुंचे भक्त भक्ति के रंग में भी रंगे नजर आ रहे हैं। दूध, बेल पत्र और गंगा जल से बाबा का अभिषेक किया जा रहा है। हालांकि कोविड के चलते रंगोत्सव पर मंदिरों में होने वाले पूजन आयोजन को स्थगित कर दिए गए हैं। भक्तों ने गंगा जल में गुलाल मिलाकर बाबा का अभिषेक पूजन किया।
मंगला आरती के बाद होली का आगाज: सोमवार को शहर में रंगोत्सव की धूम के बीच भक्त भोर पहर से ही बाबा आनंदेश्वर मंदिर में बाबा के दर्शन को पहुंचे। मंदिर में मंगला आरती के समय जूना अखाड़ा के व्यवस्थापकों व पुजारियों ने बाबा पर रंग, गुलाल व केसर अर्पित कर रंगोत्सव की शुरुआत की। बाबा पर रंग पड़ते हुए मंदिर हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों से गूंज उठा। पुष्प वर्षा के बीच भक्तों ने प्रभु से सुख-समृद्धि का आशीष मांगा।
इनका ये है कहना: जूना अखाड़ा के व्यवस्थापक महंत इच्छागिरी महाराज ने बताया कि बाबा पर जैसे ही रंग चढ़ाया गया। भक्तों का उल्लास और आस्था का संगम देखने को मिला। भक्तों ने बाबा पर गुलाल च़ढ़ाकर एक-दूजे को रंगोत्सव की शुभकामनाएं दीं।
चंदन और गुलाल के बीच बाबा का मनोहारी दर्शन के लिए भक्तों का हुजूम भोर से ही उमड़ा रहा। मंदिर में प्रतिवर्ष श्री आनंदेश्वर मंदिर मित्र मंडली द्वारा होली का उत्सव मनाया जाता रहा है। जो इस बार कोविड महामारी को देखते हुए स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि सोमवार को बाबा की तीनों पहर की आरती में रंग गुलाल चढ़ाया जाएगा।
शहर के अन्य मंदिरों में भी खेली गई होली: नवाबगंज स्थित जागेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों व मंदिर प्रबंधन ने प्रात:काल आरती के दौरान रंग अबीर से बाबा का अभिषेक किया। विभिन्न रंगों के पुष्प भक्तों ने बाबा पर अर्पित किए। जाजमऊ स्थित सिद्धनाथ धाम में भी पहुंचे भक्तों ने भोले बाबा पर रंग चढ़ाकर परिवार के कल्याण की कामना की। श्री पंचमुखी हनुमान मंदिर दर्शन को पहुंचे भक्तों ने बाबा के चरणों में गुलाल चढ़ाकर पूजन किया।
आनंदेश्वर मंदिर का ये है संक्षिप्त इतिहास: आनंदेश्वर मंदिर अपने आप में महाभारत काल का इतिहास समेटे है। भक्तों के बीच ऐसी किंवदंती है कि यहां पर महाभारत के कर्ण ने भी पूजा की थी। कर्ण गंगा में स्नान करने के बाद यहां पूजा करते थे। एक दिन आनंदी नाम गाय उस स्थान गई और दूध देने लगी। जब गोपालक ने देखा कि गाय को दुहने के वक्त इसके दूध नहीं निकलता है तब उसने गाय पर नजर रखना शुरू कर दिया। गाय के मालिक ने देखा कि गाय जंगल में गंगा किनारे जाकर पूरा दूध एक ही स्थान पर निकाल देती है। उस ग्वाले ने इसकी जानकारी अन्य ग्रामीणों को दी। जब ग्रामीणों ने उस स्थान की खुदाई की तो वहां शिवलिंग निकला। ग्रामीणों ने शिवलिंग को गंगा जल और दूध से स्नान करा कर गंगा किनारे स्थापित किया। बदलते वक्त के साथ बाबा आनंदेश्वर का यह मंदिर भव्य बनता चला गया।