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चित्रकूट : पावन धरती पर चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों... की गूंज, हिंदू एकता महाकुंभ का आगाज

चित्रकूट में हिंदू एकता महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत हो चुकी है और 15 दिसंबर को मुख्य आयोजन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे। यहां कलश यात्रा हनुमत महायज्ञ व रुद्राभिषेक आयोजन के साथ हेलीकाप्टर से पुष्पवर्षा की तैयारी है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Tue, 14 Dec 2021 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 14 Dec 2021 01:10 PM (IST)
चित्रकूट : पावन धरती पर चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों... की गूंज, हिंदू एकता महाकुंभ का आगाज
चित्रकूट में चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों की गूंज।

कानपुर, जागरण संवाददाता। धरती से अंबर तक भगवा ध्वज लहराने के आह्वान के साथ मंगलवार की सुबह प्रभु श्रीराम की संकल्प व तपोभूमि चित्रकूट में 'हिंदू एकता महाकुंभ' का शुभारंभ कलश यात्रा से हो गया। दिव्य व भव्य झांकियो के साथ रामघाट से 11 सौ महिलाएं कलश लेकर निकली तो यात्रा में जगद्गुरु समेत भारत माता व शंकराचार्य की झांकी विशेष आकर्षण का केंद्र है। लोक कलाकार यात्रा में दीवारी नृत्य करते चल रहे हैं और यात्रा अलौकिक छटा बिखेर रही है। पावन धरती पर चाहे पंथ अनेक हों-हम सब हिंदू एक हों की गूंज सुनाई देने लगी है। 15 दिसंबर को मुख्य आयोजन पर संघ प्रमुख मोहन भागवत बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित होंगे और देश भर से संत-महंत जुटेंगे।

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चित्रकूट तुलसी पीठाधीश्वर पद्म विभूषण स्वामी रामभद्राचार्य की अध्यक्ष और उनके उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्र दास के संयोजन में होने वाले महाकुंभ मुख्य मंच बुधवार को सजेगा।

अद्भुत और ऐतिहासिक आयोजन के लिए 20 एकड़ क्षेत्र में महाकुंभ का पंडाल सजकर सोमवार को तैयार हो गया है। जगद्गुरु का कहना है कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव तक की यात्रा में अनेक गौरवपूर्ण उपलब्धियां देश ने हासिल की हैं। संघर्ष व सहयोग से न्यायपालिका से चिर प्रतीक्षित श्रीराम जन्म भूमि मंदिर हमें मिला, जिसके भव्य निर्माण का काम चल रहा है। काशी स्थित बाबा विश्वनाथ परिसर का भव्य विस्तार व श्रीकृष्ण जन्मभूमि के विकास ने हमारा आत्मविश्वास बढ़ाया है।

भारत माता के मुकुट के समान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने से एक विधान व एक निशान की संकल्प पूर्ति के साथ हम अखंड भारत की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं, लेकिन हिंदू हित के कई मुद्दे अभी हल होने हैं। हमारी परंपरा चिंतन प्रधान रही है। इसलिए समय-समय पर कुंभ जैसे विराट आयोजन होते रहे हैं, लेकिन पिछले दो-तीन वर्षों में विषम परिस्थितियों के कारण हिंदू जनता के साथ धर्माचार्यों का संवाद ठप है। इसीलिए चित्रकूट में महाकुंभ से संवाद व मंथन होगा।

मंथन में ये प्रमुख मुद्दे शामिल

-विश्व के अंदर सनातन धर्म की बढ़ती लोकप्रियता से घबरा कर हिंदू विरोधी शक्तियां हमें जाति व सम्प्रदाय में विभाजित करके दिग्भ्रमित करने का प्रयास कर रही हैं। मतांतरण कराया जा रहा है। इससे निपटना होगा।

-अबोध बालक-बालिकाओं को पाश्चात्य शिक्षा के नाम पर सनातन संस्कृति व संस्कार से दूर किया जा रहा है। बेटियों को लव जिहाद में फंसाकर मतांतरण करा शोषण हो रहा, ये बंद होना चाहिए।

-पवित्र मठ-मंदिरों का अधिग्रहण करके उनकी संपत्तियों पर कब्जे हो रहे हैं। हजारों गो-माता प्रतिदिन काटी जा रही हैं, जो रुकना चाहिए।

-हिंदुओं की बेटी, चोटी और रोटी पर गंभीर है। हिंदू जनसंख्या अनुपात को असंतुलित करके हमारी राष्ट्रीय पहचान के समक्ष चुनौती पेश की जा रही है।


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