हाईकोर्ट करेगा यूपीसीए और एपेक्स के बागी गुट के विवाद की सुनवाई, तय होगा यूपी के क्रिकेट का भविष्य
यूपीसीए में चुनाव और एजेंडे को लेकर बागी गुट लगातार विरोध करता आ रहा है। बागी की याचिका पर हाई कोर्ट में अब 10 जनवरी को सुनवाइ होगी। जिसके बाद यूपी के क्रिकेट का भविष्य तय होगा ।
कानपुर, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (यूपीसीए) में 42 वर्षों के बाद चुनाव और एजेंडे को लेकर चल रहे विवाद पर एक बार फिर सुनवाई दस जनवरी को हाई कोर्ट में होगी। जिसके बाद उप्र क्रिकेट का भविष्य तय होगा। लंबे समय से विवादों में चल रहा यूपीसीए हाल में वार्षिक आमसभा और एपेक्स काउंसिल की बैठक करा चुका है। जिससे बागी गुट ने किनारा कर उसे अवैध बताया है।
पिछले दिनों हाई कोर्ट में मामला चलने के बाद बैठक कराने को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर सुनवाई अब 10 जनवरी को होगी। अर्जी सदस्य मनोज पुंडीर को उम्मीद है कि यूपीसीए की ओर से हुई एजीएम और एपेक्स काउंसिल की बैठक तथा चुनाव नहीं कराने पर सुनवाई हाई कोर्ट सुनवाई कर सकता है।
30 दिसंबर को यूपीसीए की एपेक्स कमेटी की बैठक सदस्यों के विरोध करने के चलते कोरम पूरा होने की वजह से स्थगित कर दी थी। इसी बीच यूपीसीए की मनमानी पर वर्किंग कमेटी के सदस्य पूरन डाबर इस्तीफा दे चुके है। सदस्य अशोक बांबी को उम्र का हवाला देकर वर्किंग कमेटी से बाहर किया जा चुका है। ऐसे में यूपीसीए ने कुछ ही सदस्यों की उपस्थिति में एजीएम कराकर अपना कोरम पूरा करने का दावा किया है। जो पूरी तरह से गलत बताया जा रहा है। हाई कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से इसकी जानकारी रखने की बात कही जा रही है। वे
अगर वर्चुअल बैठक हुई तो फिर से विरोध करके बायकाट किया जाएगा। मनमानी नहीं करने दी जाएगी। ई-मेल करके जानकारी दे दी जाएगी। क्रिकेट विकास के लिए 15 सदस्यों के एक बैठक में होना जरूरी होता है। जबकि यूपीसीए ने ऐसा नहीं किया।