कोरोना संक्रमण के चक्कर में हार्ट, लिवर और किडनी के मरीज परेशान, अस्पतालों में ऑपरेशन की तारीखें बढ़ीं आगे
उर्सला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल निगम ने बताया कि अत्यधिक गंभीर रोगियों का ऑपरेशन किया जा रहा है। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों की भी हल्की सर्जरी हो रही है। हैलट अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना के मुताबिक इमरजेंसी की ओटी चल रही है।
कानपुर, जेएनएन। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए एहतियात सरकारी अस्पतालों की ओपीडी और ऑपरेशन बंद हो गए हैं, लेकिन इससे अन्य रोगियों की समस्याएं बढ़ गई हैं। सामान्य रोगी तो कुछ हद तक टेलीमेडिसिन और हेल्पलाइन नंबरों से समाधान पा रहे हैं, जबकि नियमित दवाओं का सेवन करने वाले दिल, किडनी और लिवर के मरीज परेशान हैं। सबसे अधिक समस्या ऑपरेशन कराने वालों को हो रही है। कुछ रोगियों को ऑपरेशन की तारीख मिली थी, लेकिन उसे आगे बढ़ा दिया गया है।
उर्सला और हैलट अस्पताल के इमरजेंसी में कुछ ऑपरेशन किए जा रहे हैं, लेकिन इनकी संख्या सीमित है। दोनों ही अस्पतालों में डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ भी पॉजिटिव हो गए हैं। उर्सला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल निगम ने बताया कि अत्यधिक गंभीर रोगियों का ऑपरेशन किया जा रहा है। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों की भी हल्की सर्जरी हो रही है। हैलट अस्पताल की प्रमुख अधीक्षक डॉ. ज्योति सक्सेना के मुताबिक इमरजेंसी की ओटी चल रही है। डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ एहतियात के साथ सर्जरी कर रहे हैं।
केस एक : चुन्नीगंज के 68 वर्षीय बाबूराम को प्रोस्टेट की समस्या है। उन्हें उर्सला अस्पताल के डॉक्टरों ने अप्रैल के आखिरी हफ्ते में ऑपरेशन का समय दिया था, लेकिन कोरोना की वजह से ओपीडी और ऑपरेशन का संकट हो गया। अब वह निजी अस्पताल में ऑपरेशन कराने की तैयारी कर रहे हैं।
केस दो : कल्याणपुर की 53 मायारानी श्रीवास्तव के गुर्दे में पथरी है। उन्होंने हैलट के डॉक्टरों को जांच कराई। कुछ दिन बाद ऑपरेशन के लिए बोला गया। अब वह संक्रमण कम होने के बाद ही ऑपरेशन कराएंगी।
उर्सला के तीन डॉक्टर डफरिन से अटैच: डफरिन अस्पताल में आधा दर्जन डॉक्टरों के कोविड पॉजिटिव होने की वजह से उर्सला अस्पताल के तीन डॉक्टरों को डफरिन अस्पताल से अटैच किया गया है। इसमें डॉ. नीता रानी चौधरी, डॉ. किरण सचान, डॉ. अचला और डॉ. पीके गुप्ता हैं।