HBTU Kanpur: 100 वर्षों का सफर बेहद गौरवशाली, पूर्व छात्रों ने साझा किए यादगार पल
हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय शताब्दी वर्ष समारोह आयोजित कर रहा है । इसमें शामिल होने आए पूर्व छात्रों ने 100 साल पूरे होने पर बेहद सौभाग्य की बात कही और संस्थान को और उच्चीकृत होने की जरूरत बताई।
कानपुर, जागरण संवाददाता। हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विवि (एचबीटीयू) में 25 नवंबर को शताब्दी वर्ष समारोह होगा। एचबीटीयू ने अपने 100 साल पूरे किए तो यहां मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द होंगे। इस खास अवसर पर देश दुनिया से लगभग 500 पूर्व छात्र विवि आएंगे और अपनी यादों को साझा करेंगे। उन पूर्व छात्रों में से कुछ ने मंगलवार को ही अपनी यादें साझा कीं। किसी छात्र ने कहा कि एचबीटीयू के लिए 100 साल का सफर बेहद गौरवशाली रहा तो किसी ने कहा, अभी इस संस्थान को और अधिक उच्चीकृत होने की जरूरत है। प्रस्तुत है पूर्व छात्रों से की गई बातचीत।
एचबीटीयू के छात्रों की मेधा का बज रहा डंका : त्रिवेंद्रम में पुलिस कमिश्नर के पद पर कार्यरत व विवि से 1991 में सिविल इंजीनियङ्क्षरग की पढ़ाई करने वाले बलराम उपाध्याय ने कहा कि देश-दुनिया में एचबीटीयू के छात्रों की मेधा का डंका बज रहा है। बोले, चाहे तकनीक का क्षेत्र हो, उद्यमिता हो या फिर सरकारी नौकरी। सभी जगहों पर एचबीटीयू के छात्र-छात्राएं कार्यरत हैं और सभी ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।
शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर खुश : बिरला इंस्टीट्यूट आफ साइंटिफिक रिसर्च जयपुर में कार्यकारी निदेशक के पद पर कार्यरत व एचबीटीयू से वर्ष 1969 में केमिकल टेक्नोलाजी से ग्रेजुएट रहे प्रो. पूर्णेंदु घोष कहते हैं कि एचबीटीयू के 100 सालों का सफर बेहद गौरवशाली रहा। उन्होंने कहा, इस शताब्दी वर्ष समारोह का हिस्सा बनने का मौका मिला है, इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता।
100 साल पूरे होने पर गर्व की अनुभूति : अमेरिका से एचबीटीयू के शताब्दी वर्ष समारोह में शामिल होने आ रहे योगेश गोयल ने कहा कि एचबीटीयू के 100 साल पूरे होने पर गर्व की अनुभूति हो रही है। यूरो-अमेरिकन प्लास्टिक (अमेरिकन कंपनी) के संस्थापक योगेश ने कहा कि संस्थान की उपलब्धियां बढऩी चाहिए। छात्र-छात्राएं बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, मगर अभी और अधिक सुधार की जरूरत है। योगेश ने 1975 में एचबीटीआइ से बीटेक किया था।
एचबीटीयू का आधुनिकीकरण होना चाहिए : एचबीटीयू ने अपने 100 साल पूरे कर लिए हैं। मगर अब भी इस विवि का आधुनिकीकरण होना चाहिए। यह विवि केवल स्नातक स्तर तक ही संचालित होकर न रह जाए। यहां के छात्र-छात्राएं शोध की दिशा में अपना शानदार प्रदर्शन करें। इसके लिए विवि की फैकल्टी को मेहनत करनी होगी। ये बातें छत्रपति शाहू जी महाराज विवि के कुलपति व एचबीटीयू से वर्ष 1991 से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाले प्रो. विनय पाठक ने कहीं।
सौभाग्य की बात, एचबीटीयू के 100 साल पूरे हुए : लंबे समय तक जिस संस्थान को एचबीटीआइ के नाम से जाना जाता रहा, उस एचबीटीयू के 100 साल पूरे होने पर यह हम पूर्व छात्रों के लिए सौभाग्य की बात है। इस संस्थान के 100 साल के सफर में अनेकों उपलब्धियां जुड़ी हैं और जुड़ती रहेंगी। देश-विदेश में एचबीटीयू के छात्रों की प्रतिभा से सभी प्रभावित रहे हैं। ये बातें काउंसिल फार लेदर एक्सपोर्ट के वाइस चेयरमैन व एचबीटीयू से वर्ष 1974 में केमिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले पूर्व छात्र आरके जालान ने कहीं।