हजरत दाता हसन के उर्स में दिलाया गया दहेज न लेने का संकल्प, रोकी जाएगी शादी में फिजूलखर्ची
कर्नलगंज में आयोजित उर्स में शादियों में फिजूलखर्ची रोकने तथा दहेज न लेने का संकल्प दिलाया गया। यहां ख्वाजा दाता हसन सालार शाह के उर्स में कव्वालों ने ख्वाजा गरीब नवाज सहित सूफी बुजुर्गों की शान में कलाम पेश किए तो लोग झूम उठे।
कानपुर, जेएनएन। कर्नलगंज स्थित हजरत ख्वाजा दाता हसन सालार शाह के उर्स में दहेज न लेने तथा शादियों में फिजूलखर्ची न करने का संकल्प लिया गया।कर्नलगंज ऊंची सड़क पर हजरत ख्वाजा दाता हसन सालार शाह का उर्स मनाया गया। तीन दिन चले उर्स के पहले दिन सोमवार को ईद मीलादुन्नबी का जलसा आयोजित किया गया।
उलमा ने पैगंबर-ए-इस्लाम की सुन्नतों पर अमल करने की अपील की।
मंगलवार को मजार पर मजार पर गागर व चादर पेश की गई। रात में महफिल ए समा हुई। कव्वालों ने ख्वाजा गरीब नवाज सहित सूफी बुजुर्गों की शान में कलाम पेश किए तो लोग झूम उठे। पूरी रात कव्वाली से माहौल रूहानी रहा। बुधवार को कुल शरीफ से पहले उलमा ने हजरत इमाम हुसैन की जिंदगी पर रोशनी डाली। उनके यौम-ए-विलादत (जन्मदिवस) पर एक दूसरे को मुबारकबाद दी गई। उर्स में मौजूद लोगों से शादियों में दहेज न लेने व फिजूलखर्ची न करने का संकल्प भी लिया गया। कहा गया इस्लाम ने दहेज का लेन-देन मना है लेकिन बहुत से दहेज लोभी ऐसे है जिनकी वजह से लड़कियों को व उनके स्वजनों को परेशानी उठानी पड़ रही है। लोगों से कहा गया कि शादियों को आसान बनाए। दहेज के लेन-देन बंद करे। शादियों में फिजूलखर्ची भी न करे। कुल के बाद देश में अमन, भाईचारे व खुशहाली की दुआ की गई। दुआ के बाद लंगर भी हुआ। इस दौरान शहरकाजी मुफ्ती साकिब अदीब, इखलाक अहमद डेविड, हाफिज कफील हुसैन, मोईनुद्दीन चिश्ती, फाफिज माज सलामी, सय्यद मोहम्मद अतहर, कारी सगीर आलम हबीबी आदि रहे।