Move to Jagran APP

दिव्यांग होने के बाद भी पेंशन के पैसे से बेजुबानों की कर रहे सेवा, कहा एनजीओ की आवश्यकता नहीं

बर्रा के दिव्यांग मोहित दो वर्ष से कर रहें बेजुबानों की सेवा। दिव्यांग को मिलती है पेंशन कम पड़ने पर घरवाले करते हैं मदद। उन्हेांने बताया कि पिछले एक वर्ष से सरकार की ओर से पेंशन प्रतिमाह 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन आती है।

By ShaswatgEdited By: Published: Sun, 01 Nov 2020 10:10 AM (IST)Updated: Sun, 01 Nov 2020 10:10 AM (IST)
दिव्यांग होने के बाद भी पेंशन के पैसे से बेजुबानों की कर रहे सेवा, कहा एनजीओ की आवश्यकता नहीं
बेजुबानों को खाना खिलाते हुए दिव्यांग मोहित।

कानपुर, जेएनएन। बर्रा सात के एक दिव्यांग आइटीआइ छात्र को बेजुबानों से इतना लगाव है कि वह अपनी पेंशन, जमा पूंजी व जेब खर्च को बेजुबानों की सेवा लगा रहे हैं। दो वर्ष पहले उन्होंने दस जानवरों को खिलाने काम काम शुरू किया था। अब यह कारवां बढ़कर 50 हो गया है।

loksabha election banner

न्यू एलआईजी निवासी गैस एसेसीरीज संचालक रामू जायसवाल के परिवार में पत्नी सोनी, बेटी शोभना, बेटा शोभित व मोहित है। मोहित ने बताया कि वह अक्सर देखते थे कि जानवर अक्सर पॉलिथिन, कागज सहित अन्य चीजें खाते थे। इस पर उन्होंने बेजुबानों को पेट भरने की सोची और काम उनको खाना खिलाना शुरू कर दिया। उन्हेांने बताया कि पिछले एक वर्ष से सरकार की ओर से पेंशन प्रतिमाह 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन आती है। यह उन्हें तीन माह में मिलती है। गाय, कुत्ते, बिल्ली के खाने के लिए दुकानदारों से उधार में सामान लेते हैं। पेंशन आने पर उनको रुपये दे देते हैं। कम रुपये देने पर दुकानदार भी आपत्ति नहीं करते, उनका कहना होता है कि कुछ पुन: हम भी कमा लें।

शाम को कोचिंग और रात में सेवा

आइटीआइ की कोचिंग पढ़ने के लिए शाम साढ़े सात बजे मोहित गुजैनी स्थित शिक्षक के घर पढ़ने जाते हैं। साढ़े आठ बजे घर आकर खुद ही चावल, उबाल कर उसमें दूध व प्रोटीन डाल उसे मिलाते हैं। ठंडा करने के बाद बाल्टी में भर कर बर्रा चार, पांच, छह, सात आठ, रामगोपाल चौराहा सहित कई जगहों में खिलाने के लिए जाते हैं। वहीं, गायों के लिए हरे चारे की भी व्यवस्था करते हैं। रुपये कम पड़ने पर वह माता-पिता व जमा पूंजी से खर्च करते हैं।

जरूरी नहीं एनजीओ बनाकर काम करें: मोहित

मोहित का कहना है कि किसी की भी सेवा के लिए एनजीओ बनने की जरूरत नहीं है। बिना एनजीओ बनाये भी हम सेवा कर सकते हैं, बस मन में सेवा का भाव होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.