कहीं आपके बच्चे को जुएं तो नहीं कर रहे बीमार
जुएं से बच्चों के सिर में दाने, मवाद और कान के पीछे गांठें हो जाती हैं और कई बार तेज बुखार तक आ सकता है। डॉक्टरों ने खून चूसने वाले कीड़े पर शोध शुरू कर दिया है।
कानपुर(शशांक शेखर)। क्या आपका बच्चा बार-बार बीमार हो रहा है, उसे अक्सर बुखार आ जाता है। यदि कोई मर्ज समझ नहीं आ रहा है तो फिर इसका कारण जुएं भी हो सकते हैं। जी हां, सिर में होने वाले जुएं अच्छे खासे इंसान को इस कदर बीमार कर सकते हैं कि उसके लिए अस्पताल में भर्ती होने तक की नौबत आ जाए।
यह समस्या सबसे अधिक बच्चों को परेशान करती है। जुएं से उनके सिर में दाने, मवाद और कान के पीछे गांठें हो जाती हैं। कई बार तेज बुखार तक आ सकता है। इस खतरे को देखते हुए जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने खून चूसने वाले कीड़े पर शोध शुरू कर दिया है। बाल रोग, चर्म रोग और मेडिसिन विभाग इस पर मिलकर काम कर रहे हैं।
जीवन चक्र करते हैं जुएं
विशेषज्ञों के मुताबिक जुएं सिर पर जीवन चक्र पूरा करते हैं। वह खून चूसकर अंडे देते हैं। उन अंडों से निकल कर फिर से जुएं तैयार हो जाते हैं।
क्यों हुई शोध की तैयारी
एलएलआर अस्पताल के मेडिसिन या बाल रोग विभाग में कई ऐसे केस आए हैं, जिनमें बुखार, सिरदर्द और कमजोरी की शिकायत थी। जांच में जुएं की पुष्टि हुई।
शैंपू और लोशन की जांच
बाजार में जुएं खत्म करने का दावा करने वाले कई शैंपू और लोशन आ रहे हैं। शोध के दौरान इनके प्रभाव की भी जांच की जाएगी।
दाने, खुजली और गांठ की समस्या
चर्म रोग विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. डीपी शिवहरे का कहना है कि जुएं के खतरे और उनके असर पर शोध किया जा रहा है। इसकी वजह से दाने, खुजली और कई बार कान के पीछे गांठ होने की समस्या हो रही है।
तीन विभाग मिलकर कर रहे शोध
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के डॉ. एसके गौतम जुएं की समस्या पर मेडिसिन, बाल रोग और चर्म रोग विभाग के चिकित्सक काम कर रहे हैं। तीनों विभागों की ओपीडी से मरीज लिए जाएंगे।
क्या होती है दिक्कत
सिर में खुजली, चिनचिनाहट, सिर पर दाने निकलना, पपड़ी जमना, खून चूसने पर संक्रमण होना और मवाद पड़ जाना, कान के पीछे गांठें बनना, बुखार, कमजोरी, महिलाओं के सिर पर गुच्छा बनना, सिर पर चकत्ते बनना, बाल झडऩा।
बचाव के लिए ये करें
प्रतिदिन स्नान करें और सिर साफ रखें।
बेडशीट, चादर और तकिए बदलते रहें।
महीन कंघी का इस्तेमाल करें।
बारिश में भीगने से बचें।
डॉक्टर के परामर्श के बिना लोशन-दवा का इस्तेमाल न करें।