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बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन हादसे में बबेरू के किसान की भी हुई मौत, बेटे की जमानत के लिए जा रहे थे

ग्राम आलमपुर निवासी ट्रेन हादसे में दम तोड़ने वाले 56 वर्षीय किसान लल्लू श्रीवास का पुत्र कमल ट्रक चालक है । भाई पप्पू व अन्य स्वजन ने बताया कि कमल पांच माह पहले बंगाल से सीरप लेकर ट्रक में असम जा रहा था ।

By Abhishek VermaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 10:11 PM (IST)Updated: Fri, 14 Jan 2022 10:11 PM (IST)
बीकानेर-गुवाहाटी ट्रेन हादसे में बबेरू के किसान की भी हुई मौत, बेटे की जमानत के लिए जा रहे थे
किसान लल्लू के दुखी स्वजन व ढांढस बंधाते पड़ोसी व फाइल फोटो।

बांदा, जागरण संवाददाता। जलपाई गुड़ी ट्रेन हादसे में जिन लोगों की मौत हुई है। उसमें बांदा जनपद के बबेरू तहसील अंतगर्त ग्राम आलमपुर के किसान भी शामिल हैं। उनके हादसे के शिकार होने की जानकारी जैसे ही स्वजन को मिली वह घटनास्थल रवाना हुए हैं। घर में भी स्वजन बेहाल हैं। पूरे गांव में दुख का माहौल है। हादसे के समय वह असम के सेंट्रल जेल में बंद अपने पुत्र की जमानत कराने ट्रेन से जा रहे थे। 

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ग्राम आलमपुर निवासी ट्रेन हादसे में दम तोड़ने वाले 56 वर्षीय किसान लल्लू श्रीवास का पुत्र कमल ट्रक चालक है । भाई पप्पू व अन्य स्वजन ने बताया कि कमल पांच माह पहले बंगाल से सीरप लेकर ट्रक में असम जा रहा था । असम बार्डर पर चेकिंग के दौरान ट्रक में भरा कोरेक्स सीरप पकड़ गया था। अवैध ढंग से सीरप ले जाने को लेकर ट्रक चालक कमल को गिरफ्तार कर गोहाटी जेल भेज दिया गया था।  पिता लल्लू श्रीवास  बेटे की जमानत के लिए बबेरु से 12 जनवरी को कानपुर गए थे। वहां से वह बीकानेर एक्सप्रेस ट्रेन से असम बेटे की जमानत कराने जा रहा  थे।जिसमें जमानत की तारीख 14 जनवरी लगी थी । लेकिन जमानत कराने के पहले उत्तर बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले की मयनागुडी स्थित दोमहनी के पास  गुरुवार को बीकानेर एक्सप्रेस की 12 बोगियां बेपटरी होने पर उनकी भी मौत हो गई है। भाई पप्पू व मुंबई में रह रहा पुत्र अखिलेश किसान लल्लू को फोन लगा रहे थे। वहां के डाक्टरों ने फोन उठाकर उन्हें घटना की जानकारी दी। जिससे भाई व अन्य स्वजन शव एंबुलेंस से लेकर पैतृक गांव आ रहे हैं। किसान के घर में मातम की स्थिति बनी है।

कृषि कार्य करके परिवार का करते थे भरण-पोषण

स्वजन ने बताया कि मृतक किसान के  चार बेटे और तीन बेटियां हैं।वह अपनी दो बीघा जमीन में कृषि कार्य करने के साथ दूसरों की जमीन बटाई लेते थे। ग्राम प्रधान मोबीन खान आदि किसान के घर पहुंचे हैं। वहां स्वजन को ग्रामीणों ने ढांढस बंधाया है।


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