अटल बिहारी वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ेगा जीएसवीएम
पहले चरण में जुड़ेंगे सात नए राजकीय मेडिकल कॉलेज
जागरण संवाददाता, कानपुर : जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज समेत प्रदेश के सभी राजकीय और निजी मेडिकल कॉलेज अब लखनऊ स्थित अटल बिहारी (एबी) वाजपेयी मेडिकल यूनिवर्सिटी से जुड़ेंगे। यह कवायद चिकित्सा शिक्षा के सभी कोर्स में एकरूपता लाने को लेकर शुरू हुई है। नए खुलने वाले मेडिकल कॉलेजों को सीधे यूनिवर्सिटी से संबद्धता दी जाएगी। वहीं, सभी पुराने मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्यो को तैयारी करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. रजनीश दुबे ने हाल ही में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई समीक्षा बैठक में कहा था कि लखनऊ स्थित अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय से जोड़कर सात नए मेडिकल कॉलेजों में शैक्षिक सत्र वर्ष 2020-21 में एमबीबीएस में प्रवेश होने हैं। इसके बाद पुराने मेडिकल कॉलेजों को संबद्ध किया जाएगा। उसी हिसाब से एमबीबीएस, एमडी, एमएस व सुपर स्पेशियलिटी पाठ्यक्रम से जुड़ी तैयारी पूरी कर लें।
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अभी सीएसजेएमयू से है संबद्धता
जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज अभी छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) से संबद्ध है। यहां नियमित पाठ्यक्रम भी जुड़े हैं, जिससे व्यावहारिक दिक्कत आती है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ), अब नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) के दिशा-निर्देशों का भी पालन नहीं हो पाता है।
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विश्वविद्यालय और इंस्टीट्यूट पर असर नहीं
प्रदेश में सरकारी व निजी चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं इंस्टीट्यूट पर कोई असर नहीं पड़ेगा। वह पहले की तरह ही कार्य करते रहेंगे। अगर शासन स्तर से किसी मेडिकल कॉलेज को अपग्रेड कर संस्थान बनाने का निर्णय होगा तो उसे भी नहीं जोड़ा जाएगा।
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यह होगा फायदा
- चिकित्सा शिक्षा होगी बेहतर
- छात्र-छात्राओं को दिक्कत नहीं
- हर जगह एक पाठ्यक्रम होगा लागू
- प्रदेश में एक साथ होंगी परीक्षाएं
- एक साथ ही जारी होगा रिजल्ट
- अंकपत्र व डिग्री होगी एक समान
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एक नजर में
6 पुराने राजकीय मेडिकल कॉलेज
15 राजकीय मेडिकल कॉलेज दूसरे चरण में खुले
7 राजकीय मेडिकल कॉलेज नए सत्र में खुलेंगे
14 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की हो चुकी घोषणा
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जीएसवीएम मेडिकल की देखरेख में दो मेडिकल कॉलेज हरदोई और फतेहपुर का काम चल रहा है। पहले चरण में हरदोई, फतेहपुर, सिद्धार्थनगर, एटा, गाजीपुर और जौनपुर मेडिकल कॉलेज संबद्ध किए जाएंगे। इसके बाद पुराने मेडिकल कॉलेजों को जोड़ा जाएगा। शासन से निर्देश मिल चुके हैं।
- प्रो. आरबी कमल, प्राचार्य, जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज।
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प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के एक ही विश्वविद्यालय से जुड़ने से पाठ्यक्रम में एकरूपता आएगी। मेडिकल छात्र-छात्राओं की समस्याओं का भी आसानी से निराकरण होगा।
-डॉ मनीष सिंह, विभागाध्यक्ष, न्यूरो सर्जरी, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।