जूनियर डॉक्टर बोले- सरकार को मरीजों की नहीं चिंता, हड़ताल के लिए किया बाध्य
कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज के एलएलआर अस्पताल की इमरजेंसी में धरने पर बैठे जूनियर डाक्टरों ने सरकार को हड़ताल के लिए जिम्मेदार ठहराया है और मरीजों की चिंता न होने की बात कही है। बारी से धरना दे रहे हैं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा स्नातकोत्तर (नीट पीजी) की काउंसलिंग में विलंब के विरोध में जूनियर डाक्टरों की देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रही। एलएलआर इमरजेंसी (हैलट) के बाहर बैठे जूनियर डाक्टरों का कहना था कि सरकार को मरीजों की चिंता ही नहीं है। दो साल से काउंसलिंग नहीं हुई है, रेजीडेंट के दो बैच नहीं आए हैं, जिससे आने वाले दिनों में देश में विशेषज्ञ डाक्टरों की कमी हो जाएगी। डाक्टरों को मशीन समझ लिया है, जो बिना आराम किए दिन रात काम कर रहे हैं।
जीएसवीएम मेडिकल कालेज के सभी रेजीडेंट डाक्टर बारी-बारी से एलएलआर इमरजेंसी के बाहर धरना दे रहे हैं। उनका कहना था कि देशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इमरजेंसी में प्रदर्शन के साथ ओपीडी और इनडोर में 17 दिसंबर से कार्य बहिष्कार कर रहे हैं। कार्य बहिष्कार कर रहे जेआर का कहना है कि आमजन और मरीजों के हितों को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी सेवाएं, आइसीयू, पीआइसीयू, प्रसव कक्ष एवं कोरोना से जुड़ी सेवाओं पर 24 घंटे अपना सहयोग दे रहे हैं।
-केंद्र सरकार एवं सुप्रीम कोर्ट से मांग है कि नीट पीजी काउंसङ्क्षलग पर जल्द से जल्द निर्णय लिया जाए। ताकि नए जूनियर रेजीडेंट आएं, जिससे मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराई जा सकें। साथ ही संभावित कोविड संक्रमण से भी डट कर मुकाबला किया जा सके। -समस्त जूनियर रेजीडेंट, जीएसवीएम मेडिकल कालेज।
-इमरजेंसी सेवाएं, रूटीन आपरेशन और इमरजेंसी आपरेशन पूर्व की भांति हो रहे हैं। कंसल्टेंट, सीनियर रेजीडेंट व नान पीजी जूनियर रेजीडेंट ओपीडी और इनडोर सेवाएं चला रहे हैं। -प्रो. आरके मौर्या, प्रमुख अधीक्षक, एलएलआर अस्पताल।