Move to Jagran APP

वैट के मुकाबले जीएसटी में कम हो गए आठ फीसद पंजीयन

एक वर्ष पूरा होने के बाद जोन दो के आंकड़े सामने आने पर हैरत में अधिकारी

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Sep 2018 05:08 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 10:36 AM (IST)
वैट के मुकाबले जीएसटी में कम हो गए आठ फीसद पंजीयन
वैट के मुकाबले जीएसटी में कम हो गए आठ फीसद पंजीयन

जागरण संवाददाता, कानपुर : राजस्व का आधार पंजीयन है। जीएसटी लागू करते समय माना गया था कि इससे पंजीयन संख्या बढ़ेगी, लेकिन वाणिज्य कर विभाग के जोन दो में वैट के मुकाबले पंजीयन आठ फीसद कम हो गए हैं। दूसरी ओर जोन एक में 54 फीसद पंजीयन बढ़ने से अधिकारी खुश हैं, लेकिन इतने अधिक पंजीयन बढ़ने से वे सशंकित भी हैं।

loksabha election banner

30 जून 2017 तक वैट था और एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुआ था। वैट में पंजीकृत कारोबारियों को जीएसटी में माइग्रेट करना था। जो नए कारोबारी जुड़ रहे थे, उन्हें नया पंजीयन कराना था। बिना पंजीयन जीएसटी में कारोबार करना मुश्किल होता, इसलिए 20 लाख से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों ने भी पंजीयन कराए। अधिकारी यही समझते रहे कि जोन में पंजीयन की रफ्तार पर्याप्त है, लेकिन एक वर्ष पूरा होने के बाद जब आंकड़े सामने आए तो अधिकारी भी हैरत में हैं।

- - - - - - - - - -

किस जोन में कौन से क्षेत्र

- जोन एक में कानपुर के बाहरी इलाकों के साथ कानपुर देहात व उन्नाव हैं।

- जोन दो में शहर के थोक बाजार, चुन्नीगंज से माल रोड, सिविल लाइंस आदि प्रमुख व्यापारिक क्षेत्र हैं।

- - - - - - - - - -

एक नजर में पंजीयन

- 19,410 पंजीयन जोन एक में थे 30 जून 2017 को वैट के अंतिम दिन।

- 29,927 पंजीयन जोन एक में थे 30 जून 2018 को जीएसटी का एक वर्ष पूरा होने पर।

- 54.18 फीसद पंजीयन जोन एक में बढ़े एक वर्ष में।

- 10,517 पंजीयन जोन एक में बढ़े वैट के मुकाबले।

- 27,860 पंजीयन जोन दो में थे 30 जून 2017 को वैट के अंतिम दिन।

- 25,660 पंजीयन जोन दो में थे 30 जून 2018 को जीएसटी का एक वर्ष पूरा होने पर।

- 7.9 फीसद पंजीयन जो दो में घटे इस वर्ष में।

- 2,200 पंजीयन जोन दो में घटे वैट के मुकाबले।

- - - - - - - - - -

कानपुर देहात और उन्नाव में पहले बहुत कम कारोबारी पंजीकृत थे, इसलिए पंजीयन संख्या तेजी से बढ़ी। बढ़ी संख्या बहुत अधिक है। गलत फायदा लेने को पंजीयन तो नहीं कराए इसकी जांच होगी।

- अशफाक अहमद, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन, जोन वन, वाणिज्य कर विभाग, कानपुर नगर

- - - - - - - - - -

वैट में पांच लाख के कारोबार पर पंजीयन था। इससे बहुत से कारोबारी पंजीयन की अनिवार्यता से बाहर हो गए। जीएसटी में गल्ला कर मुक्त है। इनका असर पंजीयन संख्या पर पड़ा।

- आरके सिंह, एडिशनल कमिश्नर, ग्रेड वन, जोन दो, वाणिज्य कर विभाग, कानपुर नगर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.