GST काउंसिल ने कारोबारियों को दी राहत, हर तीन माह में चुन सकेंगे कारोबार के रिटर्न का कार्यकाल
जीएसटी काउंसिल ने पिछले वर्ष के अंत में पांच करोड़ रुपये से नीचे के टर्नओवर वाले सभी कारोबारियों को त्रैमासिक रिटर्न वाली श्रेणी में कर दिया था। इसके बाद उन्हें 31 जनवरी तक अपना विकल्प चुनने की छूट दी गई थी।
कानपुर, जेएनएन। जीएसटी काउंसिल ने मासिक और त्रैमासिक रिटर्न में कारोबारियों की समस्याओं को देखते हुए एक नया रास्ता दिया है। अब किस त्रैमास में वह मासिक रिटर्न फाइल करना चाहते हैं और किसमें नहीं, इसे चुनने का विकल्प हर तीन माह में उनके पास होगा। जीएसटी काउंसिल ने अगले वित्तीय वर्ष के चारों त्रैमास की तारीखें भी घोषित कर दी हैं कि किस तारीख से किस तारीख के बीच उन्हेंं इसके लिए विकल्प भर देना होगा।
काउंसिल ने पिछले वर्ष के अंत में पांच करोड़ रुपये से नीचे के टर्नओवर वाले सभी कारोबारियों को त्रैमासिक रिटर्न वाली श्रेणी में कर दिया था। इसके बाद उन्हेंं 31 जनवरी तक अपना विकल्प चुनने की छूट दी गई थी कि अगर वे चाहें तो वापस मासिक रिटर्न की श्रेणी में शामिल हो सकते हैं। इसके बाद भी बहुत से लोग अपना विकल्प जानकारी के अभाव में चुन नहीं पाए थे। इससे बड़ी संख्या में कारोबारी परेशान हो रहे हैं। इन कारोबारियों की परेशानियों को दूर करने के लिए ही जीएसटी ने एक नया रास्ता निकाला है। उसने कारोबारियों को यह छूट दी है कि वह हर अगले त्रैमास के लिए यह चुन सकें कि वे किस वर्ग में रहना चाहते हैं। इसके लिए उन्हेंं पहले से दी गई तारीखों में ही इस विकल्प को चुनना होगा।
यह है त्रैमास चुनने का समय
त्रैमास चुनने का समय
अप्रैल-जून 2021 एक फरवरी 2021 से 30 अप्रैल 2021
जुलाई-सितंबर 2021 एक मई 2021 से 31 जुलाई 2021
अक्टूबर-दिसंबर 2021 एक अगस्त 2021 से 31 अक्टूबर 2021
जनवरी-मार्च 2022 एक नवंबर 2021 से 31 जनवरी 2022
इनका ये है कहना
इस व्यवस्था से कारोबारियों को बहुत आराम हो जाएगा। उनके पास हर तीन माह में यह अधिकार होगा कि वह त्रैमासिक में रहेंगे या मासिक रिटर्न की श्रेणी में। हालांकि उन्हेंं मासिक टैक्स भरना अनिवार्य होगा। - मोनू कनौजिया, टैक्स सलाहकार।