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सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र का जवाब, कही ये बात Kanpur News

तुषार गांधी बोले-दुनिया गांधी से प्रेरणा ले रही और यहां गोडसे के भक्त बन रहे।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 01 Dec 2019 02:23 PM (IST)Updated: Mon, 02 Dec 2019 09:37 AM (IST)
सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र का जवाब, कही ये बात Kanpur News
सांसद प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर महात्मा गांधी के प्रपौत्र का जवाब, कही ये बात Kanpur News

कानपुर, जेएनएन। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने कहा है कि गांधीवादियों ने ही गांधी को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया है। उनके सिद्धांतों और नीतियों पर अमल नहीं किया गया। गांधी विचार नहीं बल्कि जीवन शैली है। दुनिया गांधी से प्रेरणा ले रही और यहां गोडसे के भक्त बन रहे हैं। संसद में प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर तुषार गांधी बोले, 70 वर्षों से जो सोच बना रखी है वह सच बाहर निकल गया। माफ करने के सवाल पर बोले, मैं कौन होता हूं। खूनी संस्कृति में उनकी आस्था है। अब वह उसे खुलेआम बयां कर रहे हैं।

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विचारधारा को भ्रष्ट दिखाने की कोशिश हो रही

श्री गौरहरि सिंहानिया इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च कमला नगर में कानपुर लिटरेचर फेस्टिवल में शामिल होने आए तुषार गांधी ने क्या आज गांधी के विचार कमजोर हो गए हैं के सवाल पर कहा कि उनकी विचारधारा को भ्रष्ट दिखाने की कोशिश हो रही है जिससे लोगों में शंका पैदा हो गई है। ब्रेक्जिट को लेकर शांति मार्च करने वाले बापू की प्रतिमा तक जाते हैं। मैनचेस्टर में बापू की प्रतिमा लगाई गई है।

सावरकर को भारत रत्न पर एतराज

सावरकर को भारत रत्न देने की बात पर एतराज जताते हुए वह बोले, यह भगत सिंह के साथ नाइंसाफी होगी। एक ने अंग्रेजों से पेंशन ली और दूसरा देश के लिए फांसी के फंदे पर झूल गया। गांधी पर राजनीतिक दावेदारी की बात पर कहा कि यह सिंबल पर कब्जा करने की कोशिश है। गांधी के सपनों का भारत कैसे बनेगा के सवाल पर बोले, गांधी को मानने वाले निरंतर उनके विचारों का प्रवाह करते रहें। अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से वह संतुष्ट नहीं है। उनका कहना है कि इससे तोडफ़ोड़ करने वालों को बल मिलेगा।

मोहन को महात्मा बनाने का श्रेय कस्तूरबा को

फेस्टिवल में 'बापू और बा' सत्र को संबोधित करते हुए तुषार गांधी ने कहा कि लेखकों ने कस्तूरबा के जीवन को श्रीमती गांधी बनकर देखा और लिखा है। यह पूरी तरह गलत है। मोहन को महात्मा बनाने का श्रेय कस्तूरबा को है। गांधी जी ने आत्मकथा में यह लिखा है। उन्हें अंधेरे से बहुत डर लगता था। जब बापू ने चोरी की तो पिता को पत्र लिखा था। पत्र लिखने के पीछे भी कस्तूरबा की ही प्रेरणा थी। ऐसे में लेखकों ने बापू को महान और कस्तूरबा के जीवन को सामान्य दर्शाकर ठीक नहीं किया।


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