गांवों में इज्जतघर बनने से साफ दिख रहे हैं गंगा और घाट : गोविंदाचार्य
अध्ययन प्रवास पर निकले विचारक केएन गोविंदाचार्य रविवार को शहर में गंगा और गाय के करीब रहे।
जागरण संवाददाता, कानपुर : अध्ययन प्रवास पर निकले विचारक केएन गोविंदाचार्य रविवार को शहर में गंगा और गाय के करीब रहे। उन्होंने कहा कि गंगा किनारे के गांवों में इज्जतघर बनने से गंगा तट साफ दिख रहे हैं और गंगा भी निर्मल दिखने लगी हैं। उन्होंने गंगा आरती की और गौशाला का भ्रमण कर गायों को चारा खिलाया। इस दौरान अपने तमाम पुराने सहयोगियों को उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए नौ सितंबर से दो अक्टूबर तक चलने वाले अध्ययन प्रवास के बारे में बताया।
शनिवार को कानपुर आए गोविंदाचार्य ने बिठूर में गंगा आरती की थी। रविवार को वह गंगा दर्शन के लिए अटल घाट पहुंचे। यहां अपने सहयोगियों से अविरल गंगा, निर्मल गंगा पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि 2008 में उन्होंने अविरल गंगा, निर्मल गंगा यात्रा निकाली थी। उन्होंने गंगा आरती भी की। देर शाम वह बिठूर में पहुंचे वहां अनीता दीक्षित द्वारा बनाई गई गौशाला का निरीक्षण कर उन्होंने उत्साहवर्धन किया। दोपहर में बिठूर स्थित एक फार्म हाउस में लंच के लिए पहुंचे गोविंदाचार्य ने सहयोगियों से चर्चा में कहा कि गांवों में इज्जतघर बनने से गंगा और घाटों की स्थिति बेहतर हुई है।
उन्होंने अपने पुराने सहयोगियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बात की। इस दौरान अपने अध्ययन प्रवास के बारे में उनसे बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि दो दशक पहले जब देश और दुनिया आर्थिक करारों के दौर से गुजर रही थी, वह चाहते थे कि भारत जैसा देश उस दौर में सजगता व सावधानी बरते क्योंकि हमारे पास अकूत साधन और बौद्धिक क्षमता है। उन्होंने बताया कि उन्हें डर था कि ईस्ट इंडिया जैसी कंपनियां फिर भारत को अपने शिकंजे में कस सकती हैं। इन 20 वर्ष में अवलोकन, विमर्श और क्रियान्वयन किया। दोपहर में बिठूर स्थित एक फार्म हाउस में लंच के लिए पहुंचे गोङ्क्षवदाचार्य ने अपने सहयोगियों से चर्चा में कहा कि गंगा किनारे के गांवों में शौचालय बनने से गंगा के तट साफ नजर आ रहे हैं। साथ ही गंगा भी निर्मल दिखने लगी है। उनके साथ शिवम कुशवाहा, प्रशांत कुशवाहा, प्रशांत शुक्ला, सोनू गुप्ता, डॉ.देवेंद्र प्रताप कुशवाहा, ऋषि शुक्ला, सम्राट कुशवाहा, शशांक दीक्षित रहे।