राज्यपाल ने कहा, महिला कृषक उत्पादक संगठन से आत्मनिर्भर होंगी महिलाएं
देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में 21.59 फीसद से अधिक उत्तर प्रदेश का योगदान है। देश के 36.26 फीसद गेहूं 13.68 फीसद धान 20 फीसद गन्ना 21 फीसद मूंगफली आठ फीसद राई व सरसों 16 फीसद फल के उत्पादन की हिस्सेदारी उप्र की है।
कानपुर, जेएनएन। महिला कृषक उत्पादक संगठन से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इससे वे न सिर्फ घर के खर्चों में हाथ बंटाएंगी, बल्कि परिवार की आर्थिक स्थिति सुधार सकेंगी। ये बातें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहीं। वह बुधवार को चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (सीएसए) में एक दिवसीय किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) : आवश्यकता, अवसर, चुनौतियां एवं क्रियान्वयन विषय पर आयोजित वेबिनॉर में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा कि देश के कुल खाद्यान्न उत्पादन में 21.59 फीसद से अधिक उत्तर प्रदेश का योगदान है। देश के 36.26 फीसद गेहूं, 13.68 फीसद धान, 20 फीसद गन्ना, 21 फीसद मूंगफली, आठ फीसद राई व सरसों, 16 फीसद फल के उत्पादन की हिस्सेदारी उप्र की है। किसान एफपीओ बनाकर आय में बढ़ोतरी कर सकेंगे। देश में लघु एवं सीमांत श्रेणी के किसानों को कई बार गुणवत्ता युक्त बीज, उर्वरक, जैविक कीटनाशक आदि समय से उपलब्ध नहीं हो पाते। एफपीओ के गठन के बाद उन्हें इसमें मदद मिलेगी। उन्होंने विवि द्वारा गोद लिए गए अनूपपुर गांव को आदर्श गांव बनाने के लिए निर्देशित किया।
सीएसए कुलपति डॉ. डीआर सिंह ने कहा कि कृषक उत्पादक संगठनों को शीघ्र ही तकनीकी, बीमा, फसल खरीद एवं विपणन तथा नेटवर्किंग सेवाओं से सुदृढ़ किया जाएगा। प्रदेश में पहली बार सीएसए द्वारा प्राकृतिक खेती के प्रयोग किए जा चुके हैं। जल्द ही इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। विशिष्ट अतिथि आइसीएआर के पूर्व महानिदेशक डॉ. पंजाब सिंह ने कहा की एफपीओ सहकारी समितियों की तरह संचालित हों।
आइसीएआर के उप महानिदेशक डॉ. एके सिंह, केंद्रीय पशुपालन डेयरी एवं मत्स्य पालन राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला, प्रदेश के कृषि, एवं अनुसंधान राज्य मंत्री लाखन सिंह राजपूत ने भी विचार व्यक्त किए। मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान ने बताया कि उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र हुआ।