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आखिर क्यों है पश्चिम बंगाल की दशा चिंतनीय, राज्यपाल ने बताया ये कारण

राष्ट्रीय चरित्र निर्माण में बुद्धजीवियों की भूमिका विषय पर गोष्ठी में राज्यपाल ने अमेरिका की एकजुटता से सीख लेने की नसीहत दी।

By AbhishekEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 04:11 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 05:38 PM (IST)
आखिर क्यों है पश्चिम बंगाल की दशा चिंतनीय, राज्यपाल ने बताया ये कारण
आखिर क्यों है पश्चिम बंगाल की दशा चिंतनीय, राज्यपाल ने बताया ये कारण
कानपुर, जेएनएन। राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने पश्चिम बंगाल की दशा को बंगलादेशियों के कारण चिंतनीय बताया है। उनका कहना है कि हमें एकजुटता की सीख अमेरिका से लेनी चाहिये। देश में किसी तरह का हमला होने पर अमेरिका में सभी एक सुर से निंदा करते हैं लेकिन हमारे यहां अलग अलग मुद्दे बनाकर मतभेद शुरू हो जाते हैं। वह बीएनएसडी शिक्षा निकेतन इंटर कालेज में राष्ट्रीय चरित्र निर्माण में बुद्धजीवियों की भूमिका विषय पर गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे।
कालेज में ऑल इंडिया कांफ्रेंस ऑफ इंटेलेक्चुअल्स के वार्षिक समारोह पर गोष्ठी में राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण कैसे हो जब देश ही एकजुट नहीं है। एकजुटता की सीख हमे अमेरिका से लेनी चाहिए। हवाई हमले के बाद अमेरिका में सभी राजनीतिक दालों ने एकसुर में विरोध किया, जबकि हमारे देश में जब संसद पर हमला हुआ तो उसपर मतभेद शुरू हो गए। हमले की निंदा न करते हुए अलग अलग मुद्दों पर समर्थन की बात शुरू हो जाती है।
राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि देश में राष्ट्रहित की बजाय राष्ट्रविरोधी शक्तियों को परोक्ष रूप से बढ़ाया जा रहा है। यह वह हैं जो बंगलादेशियों को भारतीय बताते हैं, जबकि बंगलादेशियों के कारण पश्चिम बंगाल की स्थिति चिंतनीय है। हमें उन भारतीयों से सीखने की जरूरत है, जो यूएसए, यूके, जर्मनी व फ्रांस में रहते हुए अपने अंदर राष्ट्रभावना रखते हैं। ऐसे में प्रत्येक व्यक्ति का कार्य महत्वपूर्ण हो जाता है, वह अपने विचार से चिंतन को जन्म देखकर राष्ट्र चरित्र निर्माण में योगदान दे सकता है।
राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने कहा कि हमारे यहां संसद पर हुए हमले की बरसी पर भी मतभेद दिखाई दिया, यही मतभेद सेना की सर्जिकल स्ट्राइक में भी नजर आया। कश्मीर में आतंक फैलाने वालों को जब सेना घुसकर मारती है तो कुछ लोग उसपर भी प्रश्न उठाते हैं। वे यह नहीं देखते कि सैनिक देश को बचाने के लिए अपनी जान पर खेल जाते हैं। यह वही हैं जो मुंबई हमले के दोषी को छोडऩे की बात कहते हैं, वह उनका समर्थन क्यों करते हैं? यह हमारा राष्ट्रीय चरित्र नहीं है। कहा कि हमें अपनी बात कहने की आजादी जरूर मिली है लेकिन एक अंकुश के साथ। उसकी उपेक्षा न करें, संविधान की मर्यादा को नष्ट करना राष्ट्रीय चरित्र नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बुद्धजीवी ऐसे हैं, जो अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल सही दिशा में नहीं कर रहे हैं।
इन्हें मिला कानपुर रत्न का अवार्ड
कानपुर में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने कानपुर रत्न अवार्ड वितरित किये। अवार्ड पाने वालों में डा. अलका दीक्षित, डा. ओम प्रकाश आनंद, डा. राकेश कुमार वर्मा, आदित्य शंकर बाजपेयी, गुरु प्रसाद अग्रवाल, पन्ना देवी जैन, मनोज कुमार अग्रवाल, सुशील मिश्रा, ललित खन्ना शामिल हैं। कार्यक्रम में संस्था के महासचिव रजनीश प्रकाश त्यागी, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन के प्रधानाचार्य डा. अंगद सिंह, पूर्व आइपीएस आरसी दीक्षित, पूर्व आइएएस रामशरण श्रीवास्तव, डा. राजीव मिश्रा मौजूद रहे।

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