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सरकार का संकल्प, हर हाल में गंगा को करेंगे प्रदूषणमुक्त

मुख्यमंत्री योगी और केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया गंगा के बीस घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण

By JagranEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 04:22 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 04:50 PM (IST)
सरकार का संकल्प, हर हाल में गंगा को करेंगे प्रदूषणमुक्त
सरकार का संकल्प, हर हाल में गंगा को करेंगे प्रदूषणमुक्त

जागरण संवाददाता, कानपुर : गंगा को 15 दिसंबर तक प्रदूषणमुक्त करने के वादे को सरकार ने सोमवार को पूरे आत्मविश्वास और जोरदारी से दोहराया। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत कानपुर व बिठूर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम अपनी डेड लाइन (15 दिसंबर) तक गंगा को शत-प्रतिशत शुद्ध कर देंगे। वहीं, केंद्रीय भूतल परिवहन, नदी संरक्षण एवं जहाज रानी मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि गंगा को अविरल-निर्मल करने का सपना हर हाल में पूरा होगा। पैसे की कोई कमी नहीं है।

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सोमवार सुबह कानपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने सबसे पहले गंगा बैराज और फिर भैरोघाट पर नमामि गंगे परियोजना के तहत चल रहे कायरें का निरीक्षण किया। इसके बाद चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रोद्योगिकी विवि परिसर पहुंचे। यहा कानपुर और बिठूर के 20 घाटों के जीर्णोद्धार का लोकार्पण रिमोट का बटन दबाकर किया। साथ ही कानपुर के लिए गठित गंगा टास्क फोर्स की लाचिंग की। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि गंगा हमारे लिए अस्मिता, संस्कृति और श्रद्धा की प्रतीक हैं। नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत प्रधानमंत्री ने इसके लिए 20 हजार करोड़ रुपये की परियोजना बनाई, जिसमें सबसे अधिक साढ़े आठ हजार करोड़ रुपये उप्र के लिए दिए। मुख्यमंत्री से कहा कि गंगा बेसिन के शुद्धिकरण के लिए कोई भी डीपीआर बनाकर मेरे पास भेजें, उप्र की हर योजना को आठ दिन में मंजूरी और भरपूर पैसा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगा को सबसे अधिक प्रदूषित दस शहर करते हैं, इनमें सबसे ज्यादा कानपुर करता है। आपके दो नाले विश्वप्रसिद्ध हैं। एक बंद होने वाला है और दूसरे का काम अगस्त में शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि कानपुर में बायो सीएनजी का प्रोजेक्ट भी शुरू होने वाला है। यहा इतनी गंदगी है कि पाच हजार बसें उससे चल जाएं। साथ ही पाच हजार करोड़ रुपये से कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस वे बना रहे हैं, जिससे 40 मिनट में सफर पूरा होगा। कानपुर में सीवेज के सभी प्रोजेक्ट तीन माह में पूरे हो जाएंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पंद्रह जनवरी को कुंभ का पहला स्नान है। मैंने अफसरों को डेड लाइन दे दी है कि पंद्रह दिसंबर के बाद कहीं भी गंदा नाला गंगा में गिरने की शिकायत नहीं आनी चाहिए। निर्मल गंगा हमारे जीवन का भी मिशन है। भगीरथ की धरोहर को संभालने की जिम्मेदारी वर्तमान पीढ़ी की है। उन्होंने कहा कि गंगा की अविरलता आज भी सबसे के लिए चुनौती है। गंगा अविरल होंगी तो निर्मल भी जरूर हो जाएंगी। इसके लिए हमने अगले साल का प्रोजेक्ट तय कर लिया है। गंगा के तट पर बड़े तालाब और पेड़ लगाकर जल स्तर बढ़ाया जाएगा। मूल धारा को नहीं छेड़ा जाएगा। मुख्यमंत्री ने वादा किया कि आने वाली पीढ़ी को गंगा हजारों साल पहले की तरह निर्मल और अविरल मिलेंगी।

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नागपुर में सीवेज से कमाने लगे 78 करोड़

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि हमने अपने संसदीय क्षेत्र नागपुर में सीवेज का गंदा भी बेच दिया। उससे 78 करोड़ रुपये सालाना आय होती है। नेता, विजन और तकनीक हो तो कितनी भी गंदगी वाली वस्तु से लाभ अर्जित किया जा सकता है।

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गडकरी आधुनिक भारत के भगीरथ

केंद्रीय भूतल परिवहन, नदी विकास, जल संरक्षण एवं जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी की तारीफों के पुल केंद्रीय राज्यमंत्री जल संसाधन डॉ. सत्यपाल सिंह ने बाधे। उन्होंने कहा कि मुझे विश्वास है कि गंगा का अपराधीकरण कुंभ तक खत्म हो जाएगा। नितिन गडकरी आधुनिक भारत के भगीरथ हैं। कानपुर से इलाहाबाद तक गंगा सर्वाधिक प्रदूषित हैं। संकल्प लें कि आप इसमें गंदा नहीं होने देंगे।

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कोई नाला प्रदूषित नहीं करेगा गंगा

प्रदेश के नगर विकास मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार स्वच्छ वातावरण उपलब्ध कराने को लगातार प्रयास कर रही है। हम उस दिशा में आगे भी बढ़े हैं। बिजनौर से मुगलसराय तक 32 परियोजनाएं एसटीपी की स्वीकृत हुई थीं, जिनमें से आठ पूरी हो गईं। 10 प्रगति में हैं और 14 की टेंडर प्रक्त्रिया चल रही है। जो सीवेज ट्रीटमेंट प्लाट में कवर नहीं होते, ऐसे 92 नाले चिन्हित किए गए हैं। उन्हें दूसरी तकनीक से शोधित किया जाएगा, लेकिन गंगा को कोई नाला अब प्रदूषित नहीं करेगा।

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गंगा के आर्सेनिक के लिए भी कुछ कीजिये गडकरी जी : डॉ. जोशी

सासद डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि गंगा धार्मिक-आध्यात्मिक ही नहीं, हजारों साल पुरानी सभ्यता की साक्षी हैं। यह आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि गंगा में कानपुर से बंगाल तक भारी मात्रा में आर्सेनिक है। इसकी खोज कानपुर आइआइटी ने ही की थी। यह बहुत हानिकारक है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। साथ ही उन्होंने केंद्रीय मंत्री को सलाह दी कि गंगा और यमुना के बाद चंबल नदी के संरक्षण का कार्य भी शुरू करें।

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यह भी रहे मंचासीन

कैबिनेट मंत्री सत्यदेव पचौरी, सतीश महाना, सासद देवेंद्र सिंह भोले, महापौर प्रमिला पाडेय, एलएलसी अरुण पाठक, विधायक महेश त्रिवेदी, नीलिमा कटियार, अभिजीत सागा, भगवती प्रसाद सागर, भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष मानवेंद्र सिंह, उत्तर जिलाध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी, ग्रामीण जिलाध्यक्ष सुशील कटियार, जिला प्रभारी बाबूराम निषाद, महानिदेशक राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन राजीव रंजन मिश्रा, सचिव नगर विकास भारत सरकार यूपी सिंह और सचिव नगर विकास उप्र मनोज कुमार सिंह भी मंचासीन थे।


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