शहरवासियों को जल्द मिलेगी गंदगी और प्रदूषण से निजात, शासन ने दिए 296 करोड़ रुपये
15वें वित्त आयोग से प्रदूषण व सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सुधारने के लिए 148-148 करोड़ रुपये दिए गए।
कानपुर, जेएनएन। अपना शहर मेट्रो और स्मार्ट सिटी में जरूर शुमार होने लगा है, लेकिन अभी भी वायु प्रदूषण और गंदगी को लेकर देश में बदनाम है। इस कलंक को साफ करने के लिए शासन स्तर पर भी कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए 15वें वित्त आयोग में प्रदूषण और गंदगी मुक्त शहर बनाने के लिए कानपुर को 296 करोड़ रुपये दिए जा रहे हैं। 148 करोड़ से प्रदूषण और 148 करोड़ से सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम सुधरेगा। प्रमुख सचिव नगर विकास विभाग दीपक कुमार ने इस बाबत पत्र गाइडलाइन के साथ जारी किया है।
बता दें, वायु प्रदूषण को लेकर कानपुर देश में नंबर एक तक पहुंच चुका है। गंदगी को लेकर भी गंदा शहर कहा जाता है। वैसे, सफाई पहले से कुछ बेहतर हुई है। स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान 2020 में शहर 63वें स्थान से छलांग लगाकर 25वें पायदान पर पहुंच गया है। प्रमुख सचिव के पत्र के बाद नगर निगम का अमला खाका बनाने में जुट गया है कि कैसे शहर की आबोहवा को शुद्ध किया जाए और सड़ांध से मुक्त शहर बनाया जाए।
ऐसे सुधरेगी व्यवस्था
-सड़कों को चौड़ा किया जाएगा। जाम में वाहन नहीं फंसेंगे तो हवा जहरीली नहीं होगी।
-इलेक्ट्रिक बसों, चौपहिया व दोपहिया वाहन चलाए जाएंगे। चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे।
-खुले स्थानों में हरियाली उगाई जाएगी ताकि धूल न उड़े। खोदी सड़कों को दुरुस्त किया जाएगा।
-वाहनों के लिए पार्किंग व्यवस्था की जाएगी।
-चौराहों व्यवस्थित और अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
- धूल से मुक्ति के लिए कच्चे फुटपाथ और सड़कों की मरम्मत होगी।
- कूड़ा जलाने और गंदगी फेंकने वालों पर भारी जुर्माना।
सालिड वेस्ट मैनेजमेंट होगा और बेहतर
-हर घर से कूड़ा उठेगा। अभी 40 फीसद घरों से हो रहा उठान।
-प्लांट में खाद, आरडीएफ, टाइल्स और बायो डीजल का निर्माण, ताकि कूड़ा इसमें खप जाए।
- टेनरी व मेडिकल वेस्ट के साथ ही औद्योगिक कचरे का भी निस्तारण।
-हर वार्ड में ट्रांसफर स्टेशन ताकि कूड़ाघर खत्म हो जाएं।
- हर दुकान के बाहर, सार्वजनिक स्थान व पार्कों में डस्टबिन रखे जाएंगे, इधर-उधर गंदगी फेंकने पर जुर्माना।
इनका ये है कहना
वायु प्रदूषण और सालिड वेस्ट मैनेजमेंट सुधारने के लिए शासन की गाइड लाइन के आधार पर ही खाका तैयार किया जा रहा है।
- आरके ङ्क्षसह, अधिशासी अभियंता नगर निगम