पहली बार ही टीडीएस जमा करने में लापरवाह सरकारी विभाग, भुगतना होगा दंड
अधिकांश विभागों ने नहीं फाइल किया रिटर्न, प्रमाणपत्र भी नहीं दिए।
कानपुर, जागरण संवाददाता। सरकारी विभाग पहली बार ही टीडीएस रिटर्न फाइल करने में लापरवाह रहे हैं। इनके पंजीयन की संख्या देखते हुए वाणिज्य कर विभाग को पहले से इस स्थिति की आशंका थी। विभागों ने जिनके टीडीएस काटे हैं, उनके प्रमाणपत्र भी नहीं दिए हैं। इस लापरवाही का दंड उन्हें खुद भुगतना होगा। वाणिज्य कर विभाग आंकड़ें खंगाल रहा है कि किन-किन सरकारी विभागों ने रिटर्न दाखिल नहीं किया है।
एक अक्टूबर से जीएसटी में सरकारी विभागों के लिए टीडीएस काटना अनिवार्य है। डीडीओ इसके लिए जिम्मेदार हैं। अधिकारी पूरे माह जो टीडीएस काटेंगे, अगले माह की 10 तारीख तक उसका रिटर्न फाइल करेंगे। इसे फाइल करने के पांच दिन के अंदर जिसका टीडीएस काटा गया होगा, उसे प्रमाणपत्र जारी किया जाएगा।
नवंबर की 10 तारीख निकल गई और उसके बाद 15 तारीख भी, लेकिन अधिकांश विभागों ने रिटर्न फाइल नहीं किए। वाणिज्य कर उपायुक्त, प्रशासन सीके रल्हन ने बताया कि टीडीएस जमा न करने वाले अधिकारियों पर खुद ब्याज लगेगा। यह आटोमैटिक है। इसमें कोई कुछ नहीं कर सकेगा। विलंब का दंड भुगतना ही होगा। कितने विभागों का टीडीएस जमा नहीं किया गया है, इसके आंकड़े खंड स्तर से जुटाए जा रहे हैं।
पंजीयन संख्या देख यही आशंका थी
वाणिज्य कर अधिकारियों के मुताबिक पंजीयन की संख्या देख पहले से आशंका थी कि कुछ ऐसा ही होगा। जोन दो में 80 में से 46 विभागों ने ही 25 अक्टूबर तक पंजीयन कराया था जबकि एक अक्टूबर से टीडीएस काटना था।
जिनका पंजीयन उनका भी रिटर्न नहीं
अधिकारियों के मुताबिक जिनका पंजीयन है, उनमें से भी ज्यादातर ने रिटर्न दाखिल नहीं किया है। अब जांच हो रही है कि किन विभागों ने रिटर्न दाखिल नहीं किए।
ये होगी कार्रवाई
- काटे टीडीएस को अगले माह की 10 तारीख तक सरकारी कोष में जमा न करने पर नियमानुसार ब्याज अदा करना होगा।
- टीडीएस प्रमाणपत्र राशि जमा करने के पांच दिन में जारी न करने पर सौ रुपये रोज व पांच हजार अधिकतम का जुर्माना देना होगा।