अलविदा 2021 : देशभर में चर्चा बनी 177 करोड़ की नकदी, मेट्रो रहा इस साल का सबसे बड़ा उपहार
इस साल सबसे ज्यादा चर्चा में पीयूष जैन के यहां छापा रहा जिसमें 177 करोड़ रुपए कानपुर से बरामद हुए। वहीं कानपुर की मेट्रो ट्रेन इस साल का सबसे अच्छा गिफ्ट रहा। साल के आखिरी दिनों में लोगों की जहन में यह दो खबरे रहीं।
कानपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर तो यूं भी किसी ना किसी वजह से हमेशा चर्चा में बना रहता है लेकिन इस बार चर्चा का कारण है 177 करोड़ रुपये की बरामदगी। स्थिति यह है कि 177 करोड़ रुपये की यह नकदी अब राजनीतिक मुद्दा बन चुका है।
नोट बंदी के बाद कानपुर में पुराने बंद किए जा चुके नोटों की बड़ी बरामदगी हुई थी। उस समय भी नोटों को बक्सों में भरकर ले जाया गया था। अब महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस के छापे के में इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी स्थित आवास से 177 करोड़ रुपये की नकदी मिली। वर्ष के अंतिम समय में पड़े इस छापे से पूरे देश में कानपुर की चर्चा हो गई। खुद केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कहा कि कानपुर में मिली नकदी आज तक उसके किसी भी छापे में मिली सबसे ज्यादा नकदी है। इस नकदी की गूंज इतनी ज्यादा हुई कि वर्तमान समय में यह राजनीतिक मुद्दा भी बना हुआ है। इतनी बड़ी नकदी के मिलने से शहर भर के तमाम बड़े कारोबारी हिले हुए हैं। फिलहाल पीयूष जैन जेल में ही हैं।
पान मसाला कारोबारियों पर पड़ते रहे छापे
यह वर्ष पान मसाला कारोबारियों को परेशान करने वाला था। उन पर एक के बाद एक छापे पड़ते रहे। छापों में करोड़ों की कर अपवंचना मिलती रही। खास बात यह रही कि ये छापे आयकर के नहीं मेरठ से आने वाले महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस की टीम के थे। एक के बाद एक बड़े पान मसाला कारोबारियों के यहां छापे पड़े। इसमें गिरफ्तारी तक कर ली गई। इसके बाद वर्ष का अंत होते होते एक और बड़े पान मसाला समूह की फैक्ट्री पर छापा पड़ गया। सभी के यहां कई-कई करोड़ की कर अपवंचना थी। इसलिए टैक्स व जुर्माना वसूली भी करोड़ों में हुई।
हालमार्क यूआइडी से परेशान रहे सराफा कारोबारी
भारतीय मानक ब्यूरो ने सराफा कारोबारियों पर हालमार्क यूनीक आइडेंटीफिकेशन इस वर्ष शुरू किया। इसको लेकर सराफा कारोबारी बहुत अधिक परेशान रहे। जिनके पास पुराना स्टाक था, उन्हें अपना स्टाक खत्म करने के लिए एक सीमित तो दिया गया था लेकिन सराफा कारोबारी इस बात पर परेशान थे कि सोने को सोने के भाव पर ही तो बेचा जाएगा, उससे कम पर बेच कर कैसे उसे खत्म किया जाए। पुराने जेवर पर भी हालमार्क यूनीक आइडेंटीफिकेशन मार्क लगवाने के निर्देश दिए गए। इस माह कई सराफा कारोबारियों के यहां पहुंच कर भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी भी जांच कर गए। उनके जेवर से सोने के टुकड़े काट कर नमूना भी लिया गया। अब सराफा कारोबारी परेशान हैं कि उनके इन नमूनों का क्या परिणाम निकलेगा।
श्याम बिहारी मिश्रा के निधन से व्यापारी जगत को लगा झटका
व्यापारियों के इस शहर को इसलिए भी याद रखा जाएगा क्योंकि इस वर्ष उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष श्याम बिहारी मिश्रा का निधन हो गया। कोरोना के दौरान उनका निधन हुआ। उन्होंने व्यापारियों के संगठन को प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर तक मजबूत किया था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश मोटर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश गांधी का निधन भी कोरोना से हो गया।
मेट्रो ट्रेन इस वर्ष शहर को सबसे बड़ा उपहार
मेट्रो ट्रेन इस वर्ष शहर के लिए सबसे बड़ा उपहार है। पिछले दो वर्ष से शहर की जनता इसका इंतजार कर रही थी। अब बिल्कुल नए वर्ष के अवसर पर मेट्रो ट्रेन कानपुर के लोगों को मिल गई है। आइआइटी से मोतीझील तक के नौ स्टेशन के आसपास के मोहल्लों में रहने वाले लोग इसकी सुविधा का लाभ उठाने लगे हैं। दिल्ली के बाद लखनऊ में मेट्रो चलने लगी थी लेकिन कानपुर बहुत अधिक आबादी वाला शहर होने के बाद भी मेट्रो ट्रेन की सुविधा से वंचित था। दो वर्ष पहले जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके काम की शुरुआत कराई तो शहर के लोगों को लगा कि अब यहां भी मेट्रो चलेगी। नौ किमी लंबे प्राथमिक एलीवेटेड कारिडोर में नौ स्टेशन हैं। फिलहाल मेट्रो ट्रेन आइआइटी, कल्याणपुर, एसपीएम, विश्वविद्यालय, गुरुदेव चौराहा, गीतानगर, रावतपुर, लाला लाजपत राय अस्पताल, मोतीझील स्टेशन पर रुकेगी लेकिन इसका लाभ आइआइटी, नानकारी, न्यू अशोक नगर, गूबा गार्डन, कल्याणपुर, आवास विकास, बिठूर रोड, इंदिरा नगर, विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं, मकड़ी खेड़ा, विकास नगर, विनायकपुर, लखनपुर, गीतानगर, शारदा नगर, रावतपुर, सर्वोदय नगर, काकादेव, मेडिकल कालेज से जुड़े अस्पतालों में आने वाले मरीजों व तीमारदार, स्वरूपनगर, आर्यनगर, बेनाझाबर, अशोक नगर, हर्ष नगर के लोगों को भी मिल रहा है।