मौसम में परिवर्तन बांदा के बच्चों के लिए बना मुसीबत, डायरिया से एक और मासूम की मौत, कई भर्ती
खप्टिहाकला निवासी तीन माह की बच्ची शीतल की चार दिन पहले हालत बिगड़ गई थी। स्वजन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उपचार के दौरान मंगलवार रात उसकी मौत हो गई। बताते चलें कि कुछ घंटे पहले चिल्ला निवासी एक और मासूम की मौत हो गई थी।
बांदा, जेएनएन। विगत दो दिनों से बढ़ता हुआ तापमान बच्चों के लिए मुसीबत बन चुका है। मौसम के बदलाव के साथ डायरिया और बुखार अपना असर दिखा रहा है। डायरिया व बुखार की चपेट में आए एक और मासूम की मौत हो गई। जबकि कई गंभीर मरीजों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
इन दिनों अस्पतालों में बुखार व डायरिया पीडि़त मरीज ज्यादा पहुंच रहे हैं। गंभीर मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। पैलानी थाना क्षेत्र के ग्राम खप्टिहाकला निवासी महाबीर की तीन माह की बेटी शीतल की चार दिन पहले डायरिया व बुखार से हालत बिगड़ गई थी। स्वजन ने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। वहां उपचार के दौरान मंगलवार रात उसकी मौत हो गई। बताते चलें कि कुछ घंटे पहले चिल्ला निवासी एक और मासूम की मौत हो गई थी। इसके अलावा करीब 13 गंभीर मरीजों को चिकित्सकों ने जांच के बाद जहां भर्ती किया है। वहीं कई मरीजों को जांच में मामूली दिक्कत होने पर दवा देकर घर भेजा गया है। जिला अस्पताल के डॉ. अभिषेक प्रणायामी ने बताया कि मौसम को देखते हुए धूप व खाने पीने में सावधानी रखें, जिससे बीमारी से बचा जा सके।
बचाव के उपाय:
- सफाई का विशेष ख्याल रखें।
- धूप से लौटने के बाद एक साथ ज्यादा पानी न पीयें।
- बासी खाना खाने से पहरेज करें, ताजा व स्वच्छ भोजन करें।
- सिर में गमछा व टोपी लगाएं।
- ठंडे तासीर वाले पेयपदार्थ नीबू, पुदीना शरबत आदि का सेवन करें।
- दूषित पानी पीने से बचें, स्वच्छ पानी का सेवन करें।
- पुराने कटे व सड़े-गले फलों का सेवन न करें।
- डायरिया की शिकायत होने पर नमक चीनी व ओआरएस का घोल पीयें।