घाटमपुर में अंधविश्वास से ग्रसित होकर बच्ची का कलेजा खाने वाले आरोपी दंपती को भेजा जेल
जब हत्यारोपित अंकुल और वीरन से पूछताछ की गई तो उन्होंने दंपती के इस अंधविष्वास के बारे में जानकारी दी गई। शादी के 21 वर्षों के बाद भी निसंतान थे दंपती। परशुराम ने अंकुल व वीरन को लालच में फंसा कर खौफनाक साजिश रची थी।
कानपुर, जेएनएन। अंकुल व वीरन की गिरफ्तारी के बाद बच्ची की हत्या की परतें खुलीं, तो पुलिस ने संतान की चाह में अंधे हुए नि:संतान परशुराम व उसकी पत्नी सुनैना को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस के मुताबिक सोमवार शाम अंकुल व वीरन को जेल भेजने से पहले उनका परशुराम व सुनैना से आमना-सामना कराया गया था। तब दंपती ने संतान की चाह में अंकुल व वीरन द्वारा लाई गई बच्ची का कलेजा (लीवर) खाना स्वीकार किया था।
गांव निवासी परशुराम कुरील की शादी सुनैना के साथ वर्ष 1999 में हुई थी, लेकिन 21 वर्ष बाद वह अभी तक नि:संतान हैं। संतान की चाह में परशुराम व सुनैना ने तमाम ओझा व तांत्रिकों के दरबार में मत्था टेका, लेकिन सफलता नही मिली। परशुराम ने तंत्र मंत्र की किसी किताब में रजस्वला होने से पूर्व किसी बच्ची का कच्चा कलेजा खाने पर दंपती को निश्चित संतान प्राप्ति की बात पढ़ी थी। जिसके बाद परशुराम ने अंकुल व वीरन को लालच में फंसा कर खौफनाक साजिश रची थी।
सोमवार देर शाम की गई गिरफ्तारी
हिरासत में मौजूद परशुराम व सुनैना को पुलिस ने सोमवार देर शाम गिरफ्तार कर लिया था। जिन्हें मंगलवार दोपहर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। विवेचक प्रभारी निरीक्षक राजीव ङ्क्षसह बताते हैं कि परशुराम व सुनैना को हत्या, शव छिपाने, साजिश एवं बलवा की धाराओं में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। उन्होंने बताया कि बच्ची की हत्या विरलतम अपराध की श्रेणी में है। मजबूत साक्ष्य संकलन एवं समय से आरोप पत्र न्यायालय में पेश कर दोषियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने का लक्ष्य होगा।