वैट मामलों की होगी ऑनलाइन सुनवाई, कोरोना की वजह से बढ़ाई गई अंतिम तारीख
वाणिज्यकर विभाग ने दी सुविधा व्यापारी को सुनवाई की तारीख और लिंक की मिलेगी ऑनलाइन जानकारी।
कानपुर, जेएनएन। वैट के मामलों की सुनवाई के लिए अब कारोबारियों को वाणिज्य कर कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। विभाग ने उनके लिए ऑनलाइन सुनवाई की व्यवस्था की है। 11 सितंबर 2020 की रात को इस संबंध में आदेश लागू किया जा चुका है, लेकिन शनिवार को कार्यालय बंद होने से व्यवस्था सोमवार से लागू होगी। इसका लाभ कानपुर के कई हजार कारोबारियों को मिलेगा।
एक जुलाई 2017 को जीएसटी लागू हुआ था, जबकि उससेपहले प्रदेश में वैट की व्यवस्था थी। वैट के दौरान वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 के पहले तीन माह के वादों की सुनवाई अभी चल रही है। वित्तीय वर्ष 2016-17 के वादों की सुनवाई 31 मार्च 2020 तक पूरी होनी थी। वरना ये मामले कालातीत हो जाते और व्यापारी के फाइल किए टैक्स को ही माना जाता।
सुनवाई की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2020
कोरोना के कारण इन मामलों की सुनवाई की अंतिम तारीख 31 अक्टूबर 2020 की गई है। कानपुर में 2016-17 के 2,743 मामलों की सुनवाई अभी चल रही है, जबकि 2017-18 के तीन माह के वाद अभी मुख्यालय ने नहीं चुने हैं। इसलिए पूरी संख्या तय नहीं है। कोरोना के कारण कारोबारियों व अधिवक्ताओं को वाणिज्य कर कार्यालय पहुंचने में दिक्कतों को लेकर टैक्स सलाहकार व व्यापारिक संगठन लगातार विभाग में अपनी बात रख रहे थे। इसे देखते हुए वाणिज्य कर आयुक्त अमृता सोनी ने वैट के वादों की ऑनलाइन सुनवाई के निर्देश दिए हैं। इससे अब कारोबारी अपनी दुकान पर बैठे-बैठे ही वैट की सुनवाई में भी शामिल हो सकेंगे।
यह होगी सुनवाई की प्रक्रिया
सुनवाई की तारीख तय कर खंड अधिकारी ऑनलाइन नोटिस से व्यापारी की पंजीकृत ई-मेल आइडी या मोबाइल नंबर पर जानकारी देंगे। व्यापारी से कुछ और कागजातों की जरूरत पर एडीशनल इनफार्मेशन पर क्लिक कर जानकारी मांगेंगे। दूसरी ओर व्यापारी को ई मेल पर डीलर ई-पासबुक एप से लिंक मिलेगा। व्यापारी अपनी जरूरत से संबंधित कागजात अपलोड कर खंड अधिकारी के पास भेज सकेंगे। तय तिथि पर माइक्रोसॉफ्ट टीम, स्काइप और गूगल मीट के जरिए सुनवाई होगी।
इनका ये है कहना
सोमवार से नई व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। कुछ व्यवस्थाएं करनी हैं, जिन्हें अधिकारियों के साथ बैठकर पूरा कर लिया जाएगा।
-पीके ङ्क्षसह, एडीशनल कमिश्नर ग्रेड वन, जोन वन, वाणिज्य कर विभाग कानपुर।