25 को सिद्धनाथ धाम में मनाया जाएगा गंगा महोत्सव, पिछले 43 वर्षों से हो रहा आयोजन
पुजारियों द्वारा सिद्धनाथ घाट पर महाभिषेक पूजन श्रृंगार महापूजा गंगा मां के 1008 नामों का जाप श्री गंगा सहस्त्रार्चन व 1100 चुनरी मां को अर्पित की जाएगी। संध्या में गंगा तट पर श्रद्धालुओं द्वारा मां के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया जाएगा।
कानपुर, जेएनएन। शहर व आसपास के कई जिलों में छोटी काशी के नाम से मशहूर सिद्धनाथ धाम जाजमऊ में 25 दिसंबर को गंगा महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। महोत्सव में प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी मां गंगा को 1008 नामों का जाप, चुनरी उत्सव व गंगार्चन का विधि-विधान से पालन किया जाएगा। यह बातें मां गंगा सेवा समिति के संस्थापक बालयोगी अरुण चैतन्यपुरी ने कहीं।
उन्होंने बताया कि मां गंगा की अविरलता एवं निर्मलता हेतु पिछले 43 वर्षों से भव्य गंगा महोत्सव का आयोजन समिति द्वारा किया जा रहा है। इस बार वैश्विक महामारी कोविड के चलते आयोजन को कोविड नियमावली का पालन करते हुए मनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि गंगा तट पर दीपोत्सव व दीपदान किया जाएगा। माताएं व बहनें मनोहारी रंगोली बनाकर मां की विधि-विधान से पूजा करेंगी। समिति द्वारा 44 वां विशाल मां गंगा महोत्सव में काशी व हरिद्वार की तर्ज पर भव्य आरती पूजन होगा। पुजारियों द्वारा सिद्धनाथ घाट पर महाभिषेक पूजन, श्रृंगार, महापूजा, गंगा मां के 1008 नामों का जाप, श्री गंगा सहस्त्रार्चन व 1100 चुनरी मां को अर्पित की जाएगी। संध्या में गंगा तट पर श्रद्धालुओं द्वारा मां के भजनों से वातावरण को भक्तिमय बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि सेवकों द्वारा कोविड नियमावली के तहत भोग प्रसाद भक्तों में वितरित किया जाएगा। प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी गंगा महोत्सव में सैकड़ों की संख्या में विभिन्न धर्माचार्य, राजनीतिक दल के प्रमुख व पुलिस-प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहेंगे। महोत्सव को लेकर समिति के सदस्यों ने श्रद्धालुओं को महापूजा में शामिल होने के लिए पूजा सामग्री लाने के लिए कहा। ताकि पूजा घाट पर विधि-विधान से गंगा महोत्सव का आयोजन किया जा सके।