पावर हाउस के रिटायर्ड कर्मी के खाते से निकले 18.55 लाख, दोस्त निकला दगाबाज
कानपुर में पनकी पावर हाउस से सेवानिवृत्त कर्मी की मौत के बाद पत्नी बेटे के सहपाठी के साथ बैंक से रुपये निकालने जाती थी। बैंक खाते से 18.55 लाख गायब होने पर पीड़िता ने पनकी थाने में मुकदमा दर्ज कराया था।
कानपुर, जागरण संवाददाता। पनकी पावर हाउस के सेवानिवृत्त कर्मी के खाते से पीडि़ता के बेटे के सहपाठी ने ही मदद के नाम पर 18.55 लाख की नकदी निकाल ली। शातिर ने यह रकम नौ अलग-अलग खातों में 15 माह में स्थानांतरित की है। क्राइम ब्रांच की टीम ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है। एडीसीपी क्राइम का कहना है कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई उनके नाम भी कार्रवाई में शामिल किए गए है।
बिहार सिवान निवासी होशियार सिंह पनकी पावर हाउस में तैनात थे और सेवानिवृत्त होने के कुछ दिनों बाद ही उनकी मौत हो गई। जिसके बाद परिवार गांव में रहने चला गया। पति का पनकी पावर हाउस स्थित बैंक आफ इंडिया में खाता है। जिसका संचालन उनकी पत्नी रामदुलारी करती हैं। रामदुलारी प्रतिवर्ष जीवित होने का प्रमाण पत्र देने के लिए यहां आती हैं। जब भी शहर आती हैं तो बैंक शाखा के पास स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले बेटे के सहपाठी राजकुमार जैन के पास आती हैं। रुपये निकालने के लिए राजकुमार जैन से मदद लेती थी। अक्टूबर में रामदुलारी जब बैंक आयीं तो पता चला कि अलग-अलग तारीखों में उनके खाते से 18.55 लाख रुपये कई खातों में ट्रांसफर किए गए हैं। इस पर उन्होंने पनकी थाने में तहरीर देकर रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शुक्रवार को मामले का राजफाश करते हुए एडीसीपी मनीष चंद्र सोनकर ने बताया कि क्राइम ब्रांच की टीम ने मामले की छानबीन शुरू की थी। छानबीन में सामने आया कि जिन खातों में रकम ट्रांसफर की गई थी। वह सभी खाते कहीं न कहीं राजकुमार जैन के खाते से लिंक थे। साक्ष्य जुटाने के बाद क्राइम ब्रांच और पनकी थाने की संयुक्त टीम ने राजकुमार जैन और बर्रा निवासी उसके साथी अमित कुमार मिश्रा को गिरफ्तार किया है।
एडीसीपी ने बताया कि पूरी रकम आरटीजीएस और नकद निकाली गई है। जबकि नियमानुसार विड्राल फार्म से नकद निकालने के लिए खाताधारक का उपस्थित होना अनिवार्य होता है। इसके बाद भी रकम निकलने से बैंक कर्मियों की मिलीभगत होने का इशारा है। बैंक कर्मियों की भूमिका की भी जांच की जा रही है।
रुपये वापसी पर नहीं दर्ज कराई थी रिपोर्ट
एडीसीपी क्राइम ने बताया कि शातिर राजकुमार और उसके साथियों ने इसी तरह से खाताधार राम दयाल के साथ भी 7.5 लाख की ठगी की थी। खाता धारक के दबाव बनाने पर आरोपितों ने कई बार में रकम वापस कर दी थी। जिसके चलते खाता धारक ने आरोपितों के खिलाफ रिपोर्ट नहीं दर्ज कराई थी।