चार बार जेईई मेन की परीक्षा होने से मिलेंगे सुधार के मौके
यूपी व सीबीएसई बोर्ड के छात्रों ने शिक्षा मंत्रालय के फैसले को सही ठहराया छात्र बोले इससे ज्यादा मौके मिलेंगे। -
कॉमन इंट्रो : जेईई मेन की परीक्षा अब वर्ष में चार बार होगी। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बुधवार को इस फैसले की जानकारी दे दी थी। उनके निर्णय को लेकर कुछ सवाल जरूर उठ रहे थे, कि फरवरी, मार्च, अप्रैल और मई में जेईई मेन की परीक्षा होने के चलते छात्र बोर्ड परीक्षा की तैयारी कैसे कर पाएंगे? गुरुवार को शिक्षकों के बीच चर्चा के दौरान यह विषय सभी की जुबां पर था। हालांकि जब छात्रों से बात की गई, तो उन्होंने इस फैसले का स्वागत किया। साथ ही कहा, कि चार बार परीक्षा होने से उन्हें सुधार के तमाम मौके मिल सकेंगे।
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जागरण संवाददाता, कानपुर : चार बार जेईई मेन परीक्षा कराने के केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के फैसले के बाद इसकी तैयारियों में जुटे छात्र उत्साहित हैं। उनका कहना है, कि फरवरी, मार्च, अप्रैल व मई में होने वाली इस परीक्षा के साथ-साथ वह बोर्ड परीक्षा की तैयारी भी कर सकेंगे। दरअसल इस सत्र में कोरोना महामारी के चलते मार्च से स्कूल बंद रहे। छात्र-छात्राओं ने अधिकतर समय घर पर रहकर ही तैयारी की। वहीं, अभी तक जेईई मेन की परीक्षा में दो बार ही मौका मिलता था। हालांकि अब जानकार मान रहे हैं, कि चार बार परीक्षा होने का लाभ छात्रों को जरूर मिलेगा। सीबीएसई के सिटी कोआर्डिनेटर बलविदर सिंह ने कहा कि छात्र अपनी ठोस तैयारी करें और पहली ही परीक्षा में बेहतर स्कोर हासिल करें।
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अब जेईई मेन परीक्षा और बोर्ड परीक्षा की तैयारी एक साथ करेंगे। चार बार परीक्षा होने से सही रहेगा। 90 के बजाए 75 प्रश्न भी हल करने हैं।
- आयुष सिंह, कक्षा-12, दिल्ली पब्लिक स्कूल, कल्याणपुर
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इस निर्णय के बाद से सभी छात्र अपनी प्रतिभा को दर्शा सकेंगे। छात्रों के ऊपर अब किसी तरह का अतिरिक्त दबाव नहीं होगा।
- अपूर्वा वैश्य, कक्षा-12, ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इंटर कॉलेज
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छात्रों को अब जेईई मेन परीक्षा की तैयारी के लिए ज्यादा समय मिल जाएगा। परीक्षा में अच्छा स्कोर हासिल करने के लिए उनके पास विकल्प होंगे।
- प्रतीक त्रिपाठी, कक्षा-12, बीएनएसडी शिक्षा निकेतन
सही तरीके से सत्यापन न करने पर डीआइओएस ने लगाई क्लास
कानपुर : यूपी बोर्ड परीक्षा 2021 के लिए केंद्र निर्धारण संबंधी कवायद शुरू हो चुकी है। राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को स्कूलों के सत्यापन संबंधी कार्य में लगाया गया है। हालांकि गुरुवार को डीआइओएस सतीश तिवारी ने जैसे ही दो स्कूलों के मामले में सही तरीके से सत्यापन न होने का प्रमाण देखा तो फौरन ही बैठक कर सभी राजकीय विद्यालयों के प्रधानाचार्यों की क्लास लगाई। डीआइओएस ने कहा कि इस काम में लापरवाही न करें। सभी प्रधानाचार्यों को स्कूलों के सत्यापन का सही तरीका भी बताया गया। डीआइओएस बोले 20 दिसंबर तक जिले के सभी स्कूलों का सत्यापन कराकर रिपोर्ट यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। जासं.