अब रूठों को मना रहे पूर्व कांग्रेस जिलाध्यक्ष, कानपुर में किसी बड़े लक्ष्य पर साध रहे निशाना
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष द्वारा हाईकमान के पास नए अध्यक्ष के लिए नाम न भेजने से खास लोग नाराज हो गए हैं। अब बदलते हालात देखकर पूर्व अध्यक्ष ने रूठों की मान मनौव्वल का प्रयास भी शुरू कर दिया है।
कानपुर, जेएनएन। राजनीति में कब क्या होगा कोई नहीं जानता। कभी खुद के कुर्सी पर बने रहने का मोह अपनों से जुदा कर देता है तो कभी दूसरों को आगे न बढ़ाने का खामियाजा भी भुगतना पड़ता है। खैर राजनीति है तो सबके अपने-अपने जुमले हैं। कुछ ऐसा ही आजकल शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व जिलाध्यक्ष के साथ हो रहा है। छह साल तक चोली दामन का साथ निभाने वाले उनके कुछ खास सिपहसालार नाराज हो गए हैं। अब पूर्व अध्यक्ष ने उनकी मान मनौव्वल शुरू कर दी है, इसके पीछे उनकी क्या मंशा है यह किसी को पता नहीं है। ऐसा माना जा रहा है कि वह फिर किसी बड़े लक्ष्य की ओर निशाना साधने का प्रयास कर रहे हैं।
शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री का जाना पांच माह पूर्व ही तय हो गया था। जिसके बाद उनकी टीम के कुछ सिपाहसलार अध्यक्ष पद पाने के लिए लखनऊ से दिल्ली तक दौड़ लगाने लगे। घाटमपुर उपचुनाव में जी जान लगाकर जुटे। पार्टी के बड़े नेताओं ने हौसला अफजाई भी खूब की। रास्ता सामने था पर जरूरत थी तो अध्यक्ष की सिफारिश की। उन्हें उम्मीद भी थी कि बदलती परिस्थितियों में पूर्व अध्यक्ष उनके नाम को प्रदेश कांग्रेस कमेटी तक बढ़ाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पूर्व अध्यक्ष को भरोसा था कि पार्टी एक बार फिर उन पर अपना विश्वास जता सकती है।
इसी बीच उत्तर दक्षिण जिलाध्यक्ष के लिए नए नामों पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने मुहर लगा दी। बस फिर क्या था, पूर्व अध्यक्ष के सिपहसालार नाराज हो गए। फेसबुक और वाट्सअप ग्रुप पर भी यह नाराजगी दिखने लगी। अब पूर्व अध्यक्ष अपने सिपहसालार को मनाने में जुट गए हैं। इसके पीछे उनकी क्या मंशा है यहा तो पता नहीं लेकिन विधानसभा चुनाव में टिकट की दावेदारी का मन बनाने की बात जरूर सामने आ रही है। हालांकि टीम के कई जुझारू कार्यकर्ताअों की भी नाराजगी फूट रही है। राजनीति में मजबूरी क्या न कराए, कुछ कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में अब टिकट के लिए पूर्व अध्यक्ष रूठे साथियों को मनाने में जुट गए हैं।