पहली बार इन शिक्षकों को मिलेगा सहायक पर्यवेक्षक व सुपरवाइजर बनने का मौका
स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को अब स्नातकोत्तर रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा। संविदा शिक्षक भी सहगाइड के रूप में कार्य कर सकेंगे। शोध को बढ़ावा देने के लिए विवि परिसर के प्रत्येक विषय में ऐसे शोधार्थियों को पांच हजार रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी जिनका कोर्स वर्क पूरा हो गया है
कानपुर, जेएनएन। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय ने अब सभी योग्य व प्रतिभावान शिक्षकों को पीएचडी कराने के लिए मान्य कर दिया है। विश्वविद्यालय की स्ववित्तपोषित योजना के अंतर्गत परिसर में संचालित विभागों व संबद्ध स्ववित्तपोषित डिग्री कालेज के शिक्षक भी अब छात्रों के गाइड बन सकेंगे। अभी तक केवल रेगुलर कोर्स के अलावा राजकीय व सहायता प्राप्त डिग्री कालेज के शिक्षकों को ही इसका अधिकार था। कुलपति प्रो. विनय पाठक की अध्यक्षता में हुई विद्या परिषद की बैठक में यह बड़ा निर्णय लिया गया है।हालांकि इसके लिए पात्र वहीं होंगे जो डिग्री कालेज व स्ववित्तपोषित कोर्स में कम से कम पांच वर्ष पढ़ाने का अनुभव रखते हैं। उनके रिसर्च पेपर की गुणवत्ता भी देखी जाएगी।
स्ववित्तपोषित महाविद्यालयों को अब स्नातकोत्तर रिसर्च सेंटर भी बनाया जाएगा। संविदा शिक्षक भी सहगाइड के रूप में कार्य कर सकेंगे। शोध को बढ़ावा देने के लिए विवि परिसर के प्रत्येक विषय में ऐसे शोधार्थियों को पांच हजार रुपये छात्रवृत्ति दी जाएगी, जिनका कोर्स वर्क पूरा हो गया है। सत्र 2021-22 से प्रोफेसर सीवी रमन के नाम पर इस योजना को शुरू किया जाएगा। शोध करने वाले शिक्षकों को एक लाख रूपये तक की वित्तीय सहायता मिलेगी। बैठक में चित्रकूट ग्रामोदय विवि कुलपति प्रो. एनसी गौतम, शकुंतला मिश्रा विवि के शिक्षा संकाय के प्रो. रजनी रंजन सिंह, एचबीटीयू के प्रो. रामनरेश, एनएसआइ प्रो. आशुतोष बाजपेई, महाविद्यालय विकास परिषद के निदेशक डा. राजेश द्विवेदी, डीन एकेडमिक्स प्रो. अंशु यादव, प्रो. सुधांशु पांडिया, प्रो. वर्षा गुप्ता व कुलसचिव डा. अनिल कुमार यादव समेत अन्य लोग मौजूद रहे।
इंटर्नशिप के लिए छात्रों को मिलेगी आठ हजार की छात्रवृत्ति : प्रोफेशनल कोर्स के अंतिम वर्ष व पासआउट हो चुके छात्रों को प्रयोगशालाओं में इंटर्न के रूप में प्रशिक्षण लेने के लिए अधिकतम आठ हजार रुपये प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। जो अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं उनके लिए दो हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित किए गए हैं। इसके अलावा विवि में महिला अध्ययन केंद्र की स्थापना किए जाने पर भी सहमति बनी है।
इस सत्र 44 नए विषय होंगे शुरू : सीएसजेएमयू में इस सत्र से 44 नए पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इनमें पोस्ट मास्टर डिप्लोमा इन एनजीओ एडमिनिस्ट्रेशन एंड एक्सटेंशन, बीए ऑनर्स इन सोशलॉजी, बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी ,बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड sports, बैचलर ऑफ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, सर्टिफिकेट कोर्स इन panting, murtri कला में सर्टिफिकेट कोर्स व एमबीए बिजनेस एनालिटिक्स प्रमुख हैं।
यह भी हुए निर्णय
- विवि के शिक्षकों के लिए कंसलटेंसी को लेकर नियमावली का अनुमोदन
- विभिन्न विषयो की बोर्ड ऑफ स्टडीज के प्रस्तावों पर सहमति।
- छात्रों की इंटर्नशिप के लिए वेब पोर्टल बनाया जाएगा। नई प्रयोगशालाएं बनाई जाएंगी
- स्नातक व स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए अलग-अलग एक अध्यादेश लाया जाएगा