हो जाएं सावधान, ऑनलाइन शॉपिंग करते समय इन बातों का रखें विशेष ध्यान
हमेशा नामचीन और प्रमुख ऑनलाइन साइट से ही खरीदारी करें। संबधित वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें।
कानपुर (जागरण संवाददाता)। अब ऑनलाइन शॉपिंग का क्रेज बढ़ता जा रहा है। दीपावली पर कई ऑनलाइन शॉपिंग साइट तरह-तरह के ऑफर और डील भी दे रहे हैं। घर बैठे लोग इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट से महंगे से महंगे उत्पाद खरीद रहे हैं। महिलाएं व युवा वर्ग इस खरीदारी में सबसे आगे है पर इस खरीदारी में बेहद सावधान रहने की भी जरूरत है। कहीं ऐसा न हो कि जरा सी लापरवाही से आपकी गाढ़ी कमाई चली जाए। मोबाइल बुक कराएं और कोरियर से आया बॉक्स खोलें तो उसमें साबुन निकले या फिर जैकेट मंगाएं तो शर्ट निकल आए। या फिर ऑनलाइन शॉपिंग करने के बाद कोई आकर्षक ऑफर देकर आपके खाते से रकम पार कर दे। जरा सी सतर्कता बरतने से आप धोखेबाजी से बच सकते हैं।
कुछ मामले जिसमें ठगे गए लोग
विभिन्न बैंक और प्राइवेट कंपनियां व वेबसाइटें ऑनलाइन शॉपिंग के लिए छूट और ऑफर दे रही हैं लेकिन आपकी सतर्कता ही साइबर ठगों के मायाजाल से आपको बचा सकती है। कुछ ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लोग ठगी का शिकार हो गए...।
केस-1 : मई में कौशलपुरी निवासी तनु शुक्ला एक कंपनी की कैटेगरी मैनेजर हैं। 10 मई को उन्होंने बेवकूफ डॉट कॉम वेबसाइट पर शर्ट आर्डर की। कोरियर आने पर देखा तो आर्डर की गई शर्ट नहीं निकली। उन्होंने वेबसाइट पर लिखे नंबर पर फोन किया तो फोन रिसीव करने वाले ने रकम लौटाने का झांसा देकर खाता नंबर, ओटीपी पूछा और उनके खाते से 25 हजार रुपये निकाल लिए।
केस-2 : अप्रैल में बर्रा निवासी राहुल ने एक वेबसाइट पर ऑनलाइन मोबाइल ऑर्डर किया था। तीन दिन बाद जब कोरियर आया तो उसमें पावरबैंक निकला।
केस-3 : सितंबर में हरबंशमोहाल निवासी सेल्समैन नितिन शर्मा ने वेबसाइट से ऑनलाइन उत्पाद मंगाया था। कुछ दिन बाद अंजान नंबर से किसी महिला का फोन आया। उसने बताया कि 85 प्वाइंट बने हैं। 100 प्वाइंट होने पर कंपनी लकी ड्रॉ में एक्सयूवी कार दे रही है। इसके बाद उसने रजिस्ट्रेशन, प्वाइंट्स बढ़ाने और टैक्स के नाम पर 1.21 लाख रुपये खाते में जमा करा लिए।
इन बातों का ध्यान रखें तो नहीं होंगे धोखाधड़ी का शिकार
ऑनलाइन शॉपिंग करते समय यदि ग्राहक थोड़ी सी सावधानी बरतें तो धोखाधड़ी का शिकार होने से बच सकते हैं। एसपी क्राइम राजेश यादव कहते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग करते समय लोगों को सावधानी रखने की जरूरत है। क्रेडिट या डेबिट कार्ड के नंबर, ओटीपी या सीवीवी कोड को भी ध्यान से भरें और यह सूचना संबंधित वेबसाइट पर सेव न करें। वरना खाते से बड़ी रकम भी निकल सकती है।
इनपर ध्यान दें
-हमेशा नामचीन और अच्छी कंपनी की वेबसाइट से ही खरीदारी करें।
-ज्यादा बचत देखकर किसी ऐसी वेबसाइट से खरीदारी न करें, जिसके बारे में जानकारी नहीं है।
-वेबसाइट का यूआरएल जरूर चेक करें। वह एचटीटीपी के बजाय एचटीटीपीएस होना चाहिए। आखिर में एस का मतलब है कि गूगल ने उसे सिक्योर्ड किया है। इससे आप धोखाधड़ी पर आसानी से क्लेम कर सकते हैं।
-किसी कंपनी का कोई उत्पाद अगर तीसरी कंपनी बेच रही है तो उसके नाम, पते आदि की जानकारी कर लें और मुख्य कंपनी से संपर्क कर पता करें।
-वेबसाइट पर सामान की फोटो देखने से वह काफी आकर्षक लगता है। जबकि बाद में ठगे जाने का अहसास होता है। इसलिए उत्पाद को अच्छी तरह से जांच लें। यह सुनिश्चित हो कि जो उत्पाद बुक किया है वही डिलीवर हुआ है।
-ऑनलाइन शॉपिंग करने से पहले अपने जान पहचान वालों से भी संबंधित वेबसाइट व उसकी सर्विस के बारे में पता कर लें। ताकि धोखाधड़ी की कोई आशंका न रहे।
-उत्पाद बुक करने के लिए जब भी ऑनलाइन बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से पेमेंट करें तो बिल के बारे में भी जानकारी लें। बैंकें अनुमति के बिना पेमेंट नहीं करती हैं।
-ऑनलाइन पेमेंट करते समय कभी भी क्रेडिट कार्ड नंबर पहले न डालें। प्रोफार्मा पर उत्पाद की सूचना भर लें, इसके बाद बैंक से जुड़ी जानकारी भरें।