एक नवंबर से भरें कोलकाता और बागडोगरा की उड़ान
स्पाइस जेट का 130 सीटर बोइंग विमान का शेड्यूल जारी, डेढ़ घंटे में कानपुर से कोलकाता, 3:25 घंटे में बागडोगरा
जागरण संवाददाता, कानपुर: स्पाइस जेट ने 8 अक्टूबर से मुंबई और बेंगलुरु के साथ ही अब पहली नवंबर से कानपुर, कोलकाता और बागडोगरा (गुवाहाटी के पास) की उड़ान शुरू करने की घोषणा की है। इस उड़ान का शेड्यूल भी एयरलाइंस ने जारी कर दिया है। ये फ्लाइट प्रतिदिन उड़ान भरेगी।
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फ्लाइट संख्या एसजी 578
यह फ्लाइट कानपुर से दोपहर 1:55 बजे उड़ान भरेगी और दोपहर 3:25 बजे कोलकाता में लैंड करेगी। कोलकाता में 30 मिनट रुकने के बाद शाम 4:05 बजे उड़ान भरेगी और शाम 5:20 बजे बागडोगरा में लैंड करेगी।
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फ्लाइट संख्या एसजी 347
इस फ्लाइट का फिलहाल अभी वापसी में बागडोगरा से उड़ान का समय नहीं दिया गया है, लेकिन कोलकाता से ये फ्लाइट सुबह 11:30 बजे उड़ान भरेगी और दोपहर 1:15 बजे कानपुर के अहिरवां एयरपोर्ट के रनवे पर लैंड करेगी।
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बोइंग 737-800 विमान
कानपुर से कोलकाता होते हुए बागडोगरा उड़ान भरने वाला 737-800 नंबर का ये बोइंग विमान अत्यधिक सुरक्षित है। इस विमान में कुल 130 सीट हैं, देश की 80 प्रतिशत एयरलाइंस के 737 बोइंग विमान हैं।
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एयरलाइंस का ट्रैवल एजेंटों से संपर्क
स्पाइस जेट ने शहर के ट्रैवल्स एजेंटों से भी संपर्क साधना शुरू कर दिया है ताकि फ्लाइट को कामयाब बनाया जा सके। एजेंटों का मानना है कि कानपुर से कोलकाता हुए बागडोगरा की फ्लाइट भी फुल जाएगी। आयटा के सदस्य एवं ट्रैवल्स एजेंट हाजी शारिक अलवी ने बताया कि एयरलाइंस के एक बड़े अधिकारी ने उनसे संपर्क किया है। उनका कहना है कि एजेंटों के हौसले बुलंद हैं, क्योंकि बागडोगरा टूरिस्ट प्लेस है। कानपुर से इतने यात्री नहीं मिलेंगे, लेकिन कोलकाता से बागडोगरा के बहुत यात्री हैं। स्कूलों में बच्चों की छुंट्टी होने के बाद कानपुर से भी खूब यात्री मिलेंगे।
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पहले लगेगा आइएलएस, फिर होगी नाइट लैंडिंग
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने अहिरवां एयरपोर्ट के लिए आधुनिक आइएलएस (इंस्टूमेंट लैंडिंग सिस्टम) स्वीकृत कर दिया है, मंत्रालय की कोशिश है कि दिसंबर तक नया आइएलएस लग जाए और फिर उसके बाद विमानों की नाइट लैंडिंग भी अहिरवां में कराई जाएगी।
अहिरवां के रनवे पर नाइट लैंडिंग सिस्टम लगा है। इस लैंडिंग सिस्टम का प्रयोग आपात स्थिति या कोई वीवीआइपी के आने पर होता है, लेकिन जैसे-जैसे विमानों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है, उससे नाइट लैंडिंग के बगैर काम चलने वाला नहीं है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के पास से स्वीकृत आइएलएस कभी भी कानपुर लाया जा सकता है।
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बिना आइएलएस उतरते विमान
अहिरवां एयरपोर्ट पर अभी दिल्ली कानपुर के बीच एक फ्लाइट है, रनवे पर लगा आइएलएस खराब है, यही कारण है कि इस फ्लाइट का समय दोपहर में है ताकि मौसम साफ रहे और विमान लैंडिंग या टेकऑफ के समय आइएलएस के सहयोग की जरूरत नहीं पड़े।
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विमानों की संख्या अधिक होने पर सभी विमान दिन में ही नहीं उतारे जा सकते हैं। ऐसे में नाइट लैंडिंग सिस्टम भी चालू कराया जाएगा।
-जमील खालिक, डायरेक्टर, अहिरवां एयरपोर्ट
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बूढ़ा आइएलएस हांफ गया
वर्ष 2008 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल के प्रयास से कानपुर के अहिरवां एयरपोर्ट पर आइएलएस सिस्टम लगाया गया था। ये सिस्टम कोलकाता एयरपोर्ट पर फ्लाप होने के बाद कानपुर को थोप दिया गया, जो आये दिन खराब रहता है।
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आइएलएस की स्थिति
वर्ष स्थिति
2008 आइएलएस स्वीकृत
2009 कानपुर लाया गया
01-08-2010 सिस्टम लगा
25-08-2010 सिस्टम खराब
17-10-2010 सिस्टम चालू
04-12-2010 सियारों ने केबिल चबाई
14-12-2010 सिस्टम फिर तैयार
19-12-2010 टेस्टिंग में सिस्टम पास
15-03-2011 पहली फ्लाइट लैंड
11-04-2011 आइएलएस चालू
20-07-2011 कोलकाता विमान हादसे का शिकार, रनवे से फिसलकर रनवे के बालू में धंसा, उड़ान फिर बंद।