CAA Protest : एसआइटी करेगी बवाल की जांच, एसपी क्राइम की अध्यक्षता में बनी पांच सदस्यीय कमेटी Kanpur News
बवाल वाले जिलों के लिए पुलिस महानिदेशक का आदेश हर टीम में एक सीओ दो इंस्पेक्टर और एक दारोगा को रखा जाएगा
कानपुर, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर सूबे में बीते सप्ताह हुए बवाल की जांच अब एसआइटी (स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम) करेगी। एक सीओ, दो इंस्पेक्टर, एक दारोगा समेत पांच सदस्यीय एसआइटी का नेतृत्व जिले के एसपी क्राइम करेंगे। जहां, एसपी क्राइम का पद नहीं है, वह समकक्ष अधिकारी यह जिम्मेदारी निभाएंगे। मेल पर आए डीजीपी के इस आदेश के बाद कानपुर में 20-21 दिसंबर को हुए बवाल की जांच के लिए एसएसपी ने एसपी क्राइम राजेश यादव के नेतृत्व में पांच सदस्यीय एसआइटी बना दी है। टीम में सीओ अनवरगंज सैफुद्दीनबेग, इंस्पेक्टर बर्रा सतीश कुमार, इंस्पेक्टर काकादेव राजीव सिंह और एक सब इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है।
कई शहरों में हुई थी आगजनी व हिंसा
नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में कानपुर, फर्रुखाबाद, लखनऊ, अलीगढ़, मेरठ, फीरोजाबाद, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, रामपुर समेत कई स्थानों पर ङ्क्षहसा, आगजनी आदि की घटनाएं हुई थीं। इन बवालों में प्रदेश में करोड़ों की क्षति के साथ 15 लोगों की मौत भी हुई है। प्राथमिक जांच में बवाल के पीछे साजिश के संकेत मिले। बवाल की साजिश रचने और लोगों को भड़काने में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी), आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमी (एआइएमआइएम) और पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआइ) की संलिप्तता के संकेत मिले हैं। शासन ने भी इसे माना है। ऐसे में बवालियों और साजिश करने वालों को चिह्नित करने के साथ, डीजीपी ओपी सिंह ने घटनाओं की बारीकी से जांच के आदेश दिए। नामजद व्यक्ति के निर्दोष पाए जाने पर उन्हें सूचना, किसी से अभद्रता न करने और भ्रष्टाचार के मामले में जीरो टारलेंस नीति अपनाने के भी निर्देश दिए। एसएसपी अनंत देव ने बताया कि पांच सदस्यीय एसआइटी गठित कर दी गई है।
दो दिन जला था कानपुर
20 दिसंबर को जुमे की नमाज के बाद बाबूपुरवा थाना क्षेत्र के बेगमपुरवा, बगाही मस्जिद के पास बेकाबू भीड़ ने पुलिस पिकेट पर हमला कर दिया था। इस दौरान आगजनी, पथराव और गोलीबारी में 13 लोग घायल हुए, जिसमें तीन की उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। सात अभी भी अस्पताल में हैं। इसी दिन यतीमखाना में हजारों की भीड़ ने शहर के बड़े हिस्से में जुलूस निकालकर कई स्थानों पर तोडफ़ोड़ कर दहशत फैलाई थी। दूसरे दिन यतीमखाना में पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियोंकी ङ्क्षहसक भिड़ंत हुई थी। इसमें एक सिपाही गोली लगने से घायल हो गया था। यहां पेट्रोल बम चले थे। दो दिन चले घटनाक्रम में दो सीओ, दो सब इंस्पेक्टर सहित 40 सिपाही भी घायल हुए थे।
उपद्रव में क्या-क्या हुआ
-बवाल के दौरान गोलीबारी में तीन की मौत
-10 आमजन घायल
-44 पुलिसकर्मी घायल
-11 लाख रुपये सरकारी संपत्ति की क्षति
-17 मुकदमे दर्ज
-64 आरोपित नामजद
-22 हजार से अधिक अज्ञात आरोपित
-14 आरोपित गिरफ्तार
इनका ये है कहना
डीजीपी का पत्र मिला है। जोन के जिन जिलों में नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में ङ्क्षहसक प्रदर्शन हुए हैं, वहां एसआइटी जांच कराई जाएगी। संबंधित जिलों के एसएसपी/एसपी को इस संबंध में निर्देश दे दिए गए हैं।
-प्रेम प्रकाश, एडीजी कानपुर