प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर अर्पित किए श्रद्धासुमन, उनके आदर्शों पर चलने का लिया संकल्प
पूर्व राष्ट्रपति की उपलब्धियों को गिनाते हुए गहमरी ने बताया कि स्व. राजेंद्र प्रसाद जी भारतीय संविधान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उनकी वेशभूषा बड़ी सरल थी। अत्यंत सहज होने के साथ ही वे प्रतिभा संपन्न और उच्च व्यक्तित्व वाले सज्जन थे।
कानपुर, जेएनएन। अखिल भारतीय भोजपुरी महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय छठ पूजा समिति के अध्यक्ष संतोष गहमरी के नेतृत्व में भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती मनाई गई। शास्त्रीनगर विक्टोरिया गैस किट के कार्यालय में सर्वप्रथम भोजपुरी समाज के लोगों ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी की फोटो पर माल्यार्पण किया।
पूर्व राष्ट्रपति की गिनाईं उपलब्धियां
पूर्व राष्ट्रपति की उपलब्धियों को गिनाते हुए गहमरी ने बताया कि स्व. राजेंद्र प्रसाद जी भारतीय संविधान आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक थे। उनकी वेशभूषा बड़ी सरल थी। अत्यंत सहज होने के साथ ही वे प्रतिभा संपन्न और उच्च व्यक्तित्व वाले सज्जन थे। देखने में में सामान्य किसान जैसे लगते थे। गहमरी ने बताया कि सन 1962 में अवकाश प्राप्त करने पर राष्ट्र ने उन्हेंं भारत रत्न की सर्वश्रेष्ठ उपाधि से सम्मानित किया गया। यह उस भूमि पुत्र के लिए कृतज्ञता का प्रतीक था जिसने अपनी आत्मा की आवाज सुनकर आधी शताब्दी तक अपनी मातृभूमि की सेवा की थी। भोजपुरी समाज के लोगों से गहमरी ने कहा कि हमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद जी के दिखाए आदर्शों पर चलना चाहिए।
ये लोग रहे मौजूद
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से डॉ. आनंद झा, छोटे लाला, अमित यादव, रमाकांत गब्बर, आशु पटेल, रंग बहादुर, विजय साहू, बाबा धीरेंद्र पासवान, अरविंद सिंह बेली, अजय चंदन, अरविंद करण, सोनू, रिंकू, रितेश, सूरज आदि लोग थे।