करोड़ों रुपये के गबन व भ्रष्टाचार में जिला पंचायत अधिकारियों पर मुकदमा, जानिए क्या है पूरा मामला
संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के कार्यों में अनियमितता सामने आने पर सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक ने कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कानपुर, जेएनएन। 14 वर्ष पूर्व विभिन्न ब्लॉक में संपूर्ण ग्र्रामीण रोजगार योजना (एसजीआरवाइ) के तहत हुए विकास कार्यों में करोड़ों रुपये की अनियमितता की जांच आखिरकार पूरी हो गई। उप्र सतर्कता अधिष्ठान के निरीक्षक ने जिला पंचायत के तत्कालीन अवर मुख्य अधिकारी, अभियंता, अवर अभियंताओं समेत छह कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज कराया है।
विजिलेंस इंस्पेक्टर संजय कुमार दीक्षित के अनुसार शासन ने वर्ष 2009 में जिला पंचायत कानपुर के तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी नरेश कुमार के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के गबन व भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए थे। 20 दिसंबर 2012 को जांच रिपोर्ट व 07 जनवरी 2019 को अनुपूरक जांच रिपोर्ट शासन को भेजी गई। इसके मुताबिक एसजीआरवाइ के तहत विभिन्न ब्लॉक में वर्ष 2003-04 व 2004-05 में हुए विकास कार्यों में तमाम गड़बडिय़ां हुईं।
सत्यापन के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि कुछ ही विकास कार्य श्रमिकों से कराए गए। बाकी जेसीबी मशीन से कराए गए और पत्रावली व मस्टररोल पर मजदूरों के नाम व पते फर्जी लिखकर सरकारी धन का गबन किया गया। इसी आधार पर शासन ने 13 मार्च को मुकदमा दर्ज कराने का निर्देश दिए थे। कोतवाली प्रभारी आशीष शुक्ला ने बताया कि धोखाधड़ी, अमानत में खयानत, जालसाजी व भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई है। विवेचना के बाद आगे की कार्रवाई होगी।
इन कार्यों में हुआ खेल
तत्कालीन अवर अभियंता योगेंद्र द्विवेदी द्वारा नित्येश्वर आश्रम में तालाब खोदाई का कार्य, अवर अभियंता चिरंतन त्रिपाठी द्वारा गजनेर मार्ग से नंदना गनेशीपुर मार्ग पर मिट्टी, पुलिया व खड़ंजा, मंगलेश्वर मंदिर से रौतारा मगरासा मार्ग पर मिट्टी व पुलिया का कार्य, तत्कालीन अवर अभियंता महेंद्र कुमार गर्ग द्वारा कराए गए खांगलादेवी मंदिर सगुनियापुरवा बम्बा मार्ग पर मिट्टी, पुलिया के कार्यों में खेल हुआ।
मुकदमे में ये लोग नामजद
मुकदमे में जिला पंचायत के तत्कालीन अपर मुख्य अधिकारी नरेश कुमार, अवर अभियंता योगेंद्र कुमार द्विवेदी, चिरंतन त्रिपाठी, महेंद्र कुमार गर्ग, तत्कालीन अभियंता राजकमल सक्सेना, विनोद कुमार मखीजा, कैशियर रमाशंकर त्रिपाठी।
मौत के बाद खुला भ्रष्टाचार
आरोपितों में शामिल अवर अभियंता महेंद्र कुमार गर्ग के भ्रष्टाचार का खेल उनकी मौत के दस वर्ष बाद खुला है। सतर्कता अधिष्ठान के मुताबिक महेंद्र कुमार का निधन 16 अगस्त 2008 को हुआ था।
चार साल तक दबाए रहे रकम
जांच रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन कैशियर रमाशंकर त्रिपाठी ने अंत्योदय, ठेका देसी शराब, कृषि भूमि, नौकाघाट, पशुबाजार व तहबाजारी आदि के ठेकों से 05 फरवरी 2002 से 31 मार्च 2003 के बीच करीब 2.88 लाख रुपये एकत्र किए। लेकिन यह रकम चार साल से ज्यादा तक अपने पास रखे रहे। 29 मार्च 2006 को चालान के जरिए रकम कोषागार के जिला निधि खाते में जमा की।
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