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कोरोना से श्रम प्रवर्तन अधिकारी की मौत के बाद नकदी व मोबाइल गायब, अस्पताल कर्मियों पर मुकदमा

कानपुर के मंधना स्थित रामा अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती थे स्वजन के हंगामा करने के बाद पुलिस ने कार्रवाई की है।

By Abhishek AgnihotriEdited By: Published: Mon, 17 Aug 2020 09:38 AM (IST)Updated: Mon, 17 Aug 2020 09:38 AM (IST)
कोरोना से श्रम प्रवर्तन अधिकारी की मौत के बाद नकदी व मोबाइल गायब, अस्पताल कर्मियों पर मुकदमा
कोरोना से श्रम प्रवर्तन अधिकारी की मौत के बाद नकदी व मोबाइल गायब, अस्पताल कर्मियों पर मुकदमा

कानपुर, जेएनएन। मंधना स्थित रामा अस्पताल के कोविड-19 वार्ड में भर्ती मुजफ्फरनगर के श्रम प्रवर्तन अधिकारी कमलेश कुमार मिश्रा की 14 तारीख को कोरोना संक्रमण से मौत हो गई। सूचना पर पहुंचे स्वजन ने अस्पताल प्रशासन पर कमलेश का एंड्रॉयड मोबाइल फोन और 15 हजार रुपये चोरी करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। अस्पताल कर्मचारियों से नोकझोंक भी हुई। पुलिस ने आकर स्वजन को शांत कराया। मृतक के बेटे उत्कर्ष मिश्रा की तहरीर पर अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट लिखी गई है।

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चकेरी जाजमऊ निवासी उत्कर्ष मिश्रा ने बताया 59 वर्षीय पिता कमलेश कुमार मिश्रा मुज्जफरनगर में श्रम प्रवर्तन अधिकारी थे। 11 अगस्त को उनकी कोरोना संक्रमण की जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। सांस लेने में तकलीफ होने पर उन्हें मंधना स्थित रामा अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां 14 अगस्त की शाम उनकी मौत हो गई।

बेटे के मुताबिक अस्पताल प्रशासन ने उन्हें इलाज का 50 हजार रुपये का बिल दिया था, जिसे उन्होंने अदा कर दिया। इसके बाद उन्हें पिता का शव तो सौंप दिया गया, लेकिन पिता के दो महंगे मोबाइल फोन, उनके कपड़ों में रखे 15 हजार रुपये, उनकी एक सोने की अंगूठी नहीं दी। मांगने पर अस्पताल प्रशासन ने ये तीनों वस्तुएं न होने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद स्वजन ने हंगामा कर दिया। कुछ देर बाद कमलेश का मोबाइल वापस लौटा दिया गया, लेकिन बाकी सामान नहीं दिया।

विरोध पर उत्कर्ष व उनके परिवारीजनों की अस्पताल कर्मियों से नोकझोंक भी हुई। बिठूर थाना प्रभारी कौशलेंद्र प्रताप ङ्क्षसह ने बताया कि दिवंगत श्रम प्रवर्तन अधिकारी के बेटे ने चोरी का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है। अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच कराई जा रही है।

अस्पताल प्रशासन ने आरोपों को गलत बताया

रामा विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रणव ने कहा है कि कोविड-19 वार्ड से अब तक करीब 450 मरीज ठीक होकर वापस जा चुके हैं। कभी किसी को कोई शिकायत नहीं हुई। प्रथमदृष्टया आरोप निराधार हैं, क्योंकि जो भी मरीज भर्ती होने आता है, उनके स्वजन को उसी वक्त कीमती सामान सौंप दिया जाता है। फिर भी कमेटी गठित कर जांच कराएंगे। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई जाएगी।


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