अब आय को छिपाने पर ही नहीं कम या गलत बताने पर भी लगेगा जुर्माना
सर्च या सर्वे के दौरान कोई करदाता नकद, स्टाक या ज्वैलरी सरेंडर करता है तो 60 फीसद होगा सामान्य कर।
By Edited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 01:30 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 11:58 AM (IST)
कानपुर (जागरण संवाददाता)। आय छिपाने से ही नहीं उसे कम या गलत बताने पर भी जुर्माना लगाने का प्रावधान आयकर में किया गया है। यह जानकारी कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन की आयकर भवन में हुई गोष्ठी में स्टडी सर्किल के चेयरमैन राजीव मेहरोत्रा ने दी। उन्होंने बताया कि आयकर के पेनाल्टी प्रावधानों में बहुत तेजी से बदलाव आया है। सरकार ने कर निर्धारण वर्ष 2017-18 से कानून में संशोधन कर दिया है।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता आरके शुक्ला ने बताया कि अब कर निर्धारण अधिकारी से अधिकतम और न्यूनतम जुर्माना लगाने का विवेकाधिकार हटा दिया गया है। उनके मुताबिक सर्च या सर्वे के दौरान कोई करदाता नकद, स्टाक या ज्वैलरी सरेंडर करता है तो सामान्य कर 60 फीसद होगा। इसके अलावा 10 फीसद जुर्माना भी देना होगा। यह उस स्थिति में लागू होगा यदि उसी वर्ष के दौरान अग्रिम कर नहीं दिया गया है।
उनके अनुसार संपत्ति खरीद के मामलों में नकद 20 हजार रुपये से अधिक का भुगतान करने पर उतनी ही राशि का दंड भी लगेगा। ये दंड इसलिए लागू किए गए हैं ताकि नकदी के लेनदेन कम किए जा सकें। इसी तरह कृषि उपज, पशुधन आदि के व्यापार के लिए यदि किसी व्यक्ति को एक दिन में दो लाख से अधिक का भुगतान होता है तो वह भुगतान की गई राशि तक जुर्माना तक के लिए उत्तरदायी होगा।
संस्था के अध्यक्ष गोविंद कृष्णा ने कहा कि सदस्यों को नए कानूनों के साथ अपडेट रहने की जरूरत है। महामंत्री अवधेश मिश्रा ने गोष्ठी का संचालन किया। धन्यवाद अनिल साहू ने दिया। इस मौके पर प्रदीप मेहरोत्रा, दीप मिश्रा, रजित सिंह, विमल बाजपेई, अरुण अहलुवालिया, पंकज गुप्ता, महेंद्र शुक्ला, राजीव गुप्ता, प्रशांत रस्तोगी आदि रहे।
गोष्ठी में मुख्य वक्ता आरके शुक्ला ने बताया कि अब कर निर्धारण अधिकारी से अधिकतम और न्यूनतम जुर्माना लगाने का विवेकाधिकार हटा दिया गया है। उनके मुताबिक सर्च या सर्वे के दौरान कोई करदाता नकद, स्टाक या ज्वैलरी सरेंडर करता है तो सामान्य कर 60 फीसद होगा। इसके अलावा 10 फीसद जुर्माना भी देना होगा। यह उस स्थिति में लागू होगा यदि उसी वर्ष के दौरान अग्रिम कर नहीं दिया गया है।
उनके अनुसार संपत्ति खरीद के मामलों में नकद 20 हजार रुपये से अधिक का भुगतान करने पर उतनी ही राशि का दंड भी लगेगा। ये दंड इसलिए लागू किए गए हैं ताकि नकदी के लेनदेन कम किए जा सकें। इसी तरह कृषि उपज, पशुधन आदि के व्यापार के लिए यदि किसी व्यक्ति को एक दिन में दो लाख से अधिक का भुगतान होता है तो वह भुगतान की गई राशि तक जुर्माना तक के लिए उत्तरदायी होगा।
संस्था के अध्यक्ष गोविंद कृष्णा ने कहा कि सदस्यों को नए कानूनों के साथ अपडेट रहने की जरूरत है। महामंत्री अवधेश मिश्रा ने गोष्ठी का संचालन किया। धन्यवाद अनिल साहू ने दिया। इस मौके पर प्रदीप मेहरोत्रा, दीप मिश्रा, रजित सिंह, विमल बाजपेई, अरुण अहलुवालिया, पंकज गुप्ता, महेंद्र शुक्ला, राजीव गुप्ता, प्रशांत रस्तोगी आदि रहे।
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