फिक्की की सदस्य स्नेहा गुप्ता ने कहा, ऑनलाइन वर्क कल्चर में बढ़ रहा साइबर अटैक का खतरा
फिक्की फ्लो की कार्यशाला में डाटा नेटवर्क व एप्लीकेशन सिक्योरिटी से बचाव के उपाय बताए तकनीकी का गलत प्रयोग करने वालों से सावधान रहने की जरूरत बच्चों को भी करना होगा शिक्षित अनलॉक में भी डिजिटल कार्यप्रणाली जारी है। ऑनलाइन कामकाज के बीच साइबर अटैक का खतरा बढ़ सकता
कानपुर, जेएनएन। कोरोना वायरस में हुए लॉकडाउन से बचाव के साथ सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में ऑनलाइन कामकाज चलता रहा है। नए नए एप ने काम करने की राह आसान बनाई। पेशेवर से लेकर उद्यमियों ने इस मंच का भरपूर इस्तेमाल किया। अनलॉक में भी डिजिटल कार्यप्रणाली जारी है। अध्ययन बताता है कि अगर हम जागरूक नहीं हैं तो ऑनलाइन कामकाज के बीच साइबर अटैक का खतरा बढ़ सकता है। यह बातें शुक्रवार फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय व कानपुर चैप्टर की कार्यशाला में टेक टीम यंग की पदाधिकारी व फिक्की की सदस्य स्नेहा गुप्ता ने बताईं।
साइबर सिक्योरिटी के लिए जानकारी बेहद जरूरी
जिस तरह इंटरनेट में कामकाज बढ़ रहा है उसे देखते हुए साइबर सिक्योरिटी के लिए जानकारी बेहद जरूरी हो गई है। आपको यह जानने की जरूरत है कि एप्लीकेशन, फाइल, वीडियो व आइडी की सुरक्षा के लिए कौन-कौन से फीचर हैं। स्कूलों में पढ़ाई भी ऑनलाइन शुरू हो चुकी है इसलिए छात्र छात्राओं को भी इसकी सुरक्षा के प्रति सचेत करना शिक्षक व अभिभावकों की जिम्मेदारी है। कार्यशाला में भाग लेने वाले चार सौ से अधिक शिक्षकों ने इस दौरान अपनी जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए प्रश्न पूछे। कार्यशाला में कानपुर चैप्टर की अध्यक्ष डॉ. आरती गुप्ता ने कहा कि नई पीढ़ी को साइबर सुरक्षा के लिए जागरूक करना केवल सरकार का दायित्व ही नहीं है बल्कि यह जिम्मेदारी देश के प्रत्येक नागरिक को समझनी होगी। फिक्की फ्लो की राष्ट्रीय अध्यक्ष जाह्नबी फूकन ने कहा कि ऑनलाइन कार्य प्रणाली ने हमारी जिंदगी आसान कर दी है। इसके कई लाभ सामने आ रहे हैं, जितनी सुविधा हमें इससे मिली है उतनी ही इस कार्यप्रणाली में सुरक्षा की भी जरूरत है।
कौन सा फीचर व टूल इस्तेमाल करें
कार्यशाला में बताया गया कि ऑनलाइन काम करने वाले प्रत्येक कर्मचारी को साइबर सुरक्षा व उसके खतरे के बारे में जानने की जरूरत है। उन्हेंं यह पता होना चाहिए कि काम करते वक्त कौन सा फीचर व टूल इस्तेमाल किया जाए और कौन नहीं। दफ्तर से लेकर स्कूलों में साइबर सिक्योरिटी विभाग बनाए जाएं जो समय-समय पर कर्मचारी व छात्र छात्राओं को साइबर खतरों के बारे में बताते रहें। कई कंपनियां ऐसी हैं जो कंप्यूटर डेटाबेस पर अधिक से अधिक सूचनाएं स्टोर करती रहती हैं। इसके साथ वह उनकी सुरक्षा का भी पुख्ता इंतजाम रखती हैं। हमें भी ऑनलाइन काम के साथ अपने दस्तावेजों व फाइल को सुरक्षित रखने के लिए ऐसे सिक्योरिटी फीचर के बारे में जानने की जरूरत है।