कुरसौली में बुखार का कहर, बहू के बाद सास ने तोड़ा दम
घबराहट में बच्चों और स्वजन को रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं लोग ।
जागरण संवाददाता, कानपुर : कल्याणपुर ब्लाक के कुरसौली गांव में दहशत का पर्याय बने बुखार का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बहू की मौत के चार दिन बाद ही सास की भी बुखार ने जान ले ली। घबराहट में लोग बच्चों और स्वजन को रिश्तेदारों के घर भेज रहे हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग अब भी संजीदगी नहीं दिखा रहा है, इसको लेकर गांव के लोगों में जबरदस्त नाराजगी है।
कुरसौली में बुखार और संक्रमण की वजह से मौतों का सिलसिला सा चल पड़ा है। यहां मंगलवार को 62 वर्षीय निर्मला तिवारी की मौत हो गई। गंभीर हालत में उन्हें कल्याणपुर के आवास विकास स्थित नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। वहां इलाज के दौरान उनकी हालत बिगड़ती ही चली गई। चार दिन पहले ही बुखार से उनकी बहू क्षमा की मृत्यु हो गई थी। क्षमा के पति भुल्लू तिवारी ने बताया कि गांव में घर-घर बुखार के मरीज बढ़ते जा रहे हैं लेकिन न तो डाक्टर आ रहे हैं और न ही दवाएं मिल रही है। बीमारी और मौतों से ग्रामीण डरे हैं। कई परिवार रिश्तेदारों के यहां चले गए हैं। बच्चों को उनके ननिहाल भेजा जा रहा है। यहां रहने वाले कृपाशंकर ने बताया कि कुछ दिन पहले कुछ लोग दवा छिड़काव करने आए थे लेकिन उसके बाद से कोई यहां देखने तक नहीं आया।
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(इनसेट) नौ को लगा डेंगू का डंक
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू के खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। मंगलवार को नौ लोगों को डेंगू का डंक लग गया। अब तक 103 लोग इसकी चपेट में आ चुके हैं। इसमें 80 ग्रामीण और 23 शहरी क्षेत्र के हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 206 लोगों के सैंपल जांच के लिए जीएसवीएम मेडिकल कालेज भेजे गए हैं।
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ये बरतें सावधानियां
वरिष्ठ बालरोग चिकित्सक आरएन चौरसिया ने बुखार को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं।
- बुखार, खांसी और जुकाम होते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श करें।
- अपने मन से मरीज को कोई दवा नहीं दें, चिकित्सक के परामर्श के अनुसार जांच कराएं।
- मरीज को हल्का लेकिन पोषणयुक्त आहार दें।
- मरीज के शरीर में पानी की कमी कतई नहीं होने पाए।
- घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
- इंतजाम करें कि मच्छरों के पनपने की कोई गुंजाइश नहीं रहे।